श्योपुर। किसी भी व्यक्ति के लिए मूलभूत सुविधाएं जरूरी होती हैं, लेकिन श्योपुर जिले के दो गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं. आज भी लोग नल जल, बिजली, रोड के बिना अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इन गांवों के नाम हैं सिलोरी और नवलपुरा. यहां आज भी ग्रामीण वैसे ही जीवन यापन कर रहे हैं जैसे आजादी के पहले किया जाता था. इन दोनों गांव में लगभग 150 घर और 200 से ज्यादा परिवार निवासरत हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से दी जाने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.
जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा
नदी में पुल नहीं होने के कारण लोगों को बारिश के मौसम में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. खासकर तब ये परेशानी और बढ़ जाती है अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए. नवलपुरा और सिलोरी गांव में मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के कारण ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार मंत्री और विधायक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन किसी ने भी हमारी सुध नहीं ली. ग्रामवासियों का कहना है कि हमारे बुजुर्ग पानी, बिजली और रोड के लिए मांग करते-करते मर गए लेकिन किसी ने हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया. नेता हर बार चुनाव के टाइम पर आते हैं आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिलता.
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गांव के लोगों के मुताबिक कई बार उन्हे नदी का ही पानी पड़ता है. शिक्षा के लिए स्कूल नहीं एक पुराना खंडहर जैसा भवन है लेकिन उसमें भी शिक्षक नहीं आते हैं. रात होते ही अंधकार में दोनों गांव डूब जाते हैं. आज भी यहां लालटेन और मोमबत्ती जलाकर ही उजाला किया जाता है. यहां के ग्रामीणों के पास आवास, पीने के लिए पानी और सड़क की समस्या है. सड़क की समस्या तब और बढ़ जाती है जब बरसात के दिनों में गांव के पास से गुजर रही कुनो नदी उफान पर होती है.