नई दिल्ली/गाजियाबाद : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. बुधवार, 21 फरवरी 2024 को माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पड़ रही है. इसी दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. त्रियोदिशी तिथि बुधवार को पड़ने से इसको बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है.
भगवान शिव को समर्पित बुध प्रदोष व्रत करने से जीवन में सभी प्रकार के कष्ट और दुखों का निवारण होता है. आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. विभिन्न प्रकार के कार्यों में आ रही अड़चनें दूर होती है. बिगड़े काम बनने लगते हैं. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, बुध प्रदोष का व्रत करने से जीवन में आ रहे आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है.
बुध प्रदोष व्रत करने से व्यापार में वृद्धि होती है. कर्ज आदि से मुक्ति मिलती है. बुद्ध प्रश्न दोष व्रत के दिन श्रद्धा भाव से प्रदोष व्रत रखने और विधि विधान से पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करना बेहद फलदायी बताया गया है. भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है. आशुतोष का अर्थ है कि शीघ्र प्रसन्न होने वाले.
पूजा विधिः प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठें. स्नान आदि से निवृत होकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. बुध प्रदोष व्रत का संकल्प करें. घर के मंदिर को साफ़ करें. सफाई के पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें. पूजा करें. पंचमेवा मिष्ठान आदि का भोग लगाएं. ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत के दिन शाम की पूजा का विशेष महत्व होता है. शाम की पूजा अवश्य करें. प्रदोष व्रत के दिन शाम की पूजा को विशेष फलदाई बताया गया है.
उपायः बुद्ध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने और माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर होते हैं. वैवाहिक जीवन सुखमय में बना रहता है. बुध प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान "ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः॥" मंत्र का जाप करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है. घर में आर्थिक संपन्नता का स्थाई वास होता है.
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