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प्रधानमंत्री के भाषण में ऑडियो नहीं होती तो कैसा लगता?, जानें AAP नेता ने ऐसा क्यों कहा...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 6, 2024, 8:10 PM IST

मंत्री सौरभ भारद्वाज
मंत्री सौरभ भारद्वाज

Delhi Liquor Police Case: कथित तौर पर ऑडियो डिलीट करने के आरोप पर प्रश्न उठाते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश होने के बावजूद ईडी ने गवाह की ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं की.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में भाषण दिया, सभी न्यूज चैनलों पर वह भाषण दिखाया गया. लेकिन, सोचिए यदि उस भाषण में ऑडियो नहीं होती तो वह कैसा लगता. प्रधानमंत्री केवल इशारे करते हुए नजर आते. फिर प्रधानमंत्री के बिना आवाज वाले वीडियो की कीमत क्या रह जाती.

भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त निर्देश है कि किसी भी प्रकार की जांच में जांच एजेंसियों को बयान लेते वक्त उसकी ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी है. ताकि इस बात की तस्दीक की जा सके कि जो बयान उस गवाह से लिया गया है, वह उसने अपनी मर्जी से दिया है. ऐसे में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए AAP नेताओं के खिलाफ चल रहे तथाकथित शराब घोटाला मामले में गवाह और अभियुक्तों के बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं की.

आप नेता ने कहा कि किसी भी मामले में यह जानने के लिए की जिस व्यक्ति से बयान लिया गया वह व्यक्ति गवाह है या मुजरिम, और जो बयान उसके द्वारा दिया है वह डरा धमकाकर तो नहीं लिया गया है, इन बातों की तस्दीक करने के लिए ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग का होना बेहद जरूरी है. परंतु इस मामले में ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि जब ऑडियो रिकॉर्डिंग की ही नहीं गई है, तो यह कैसे पता चलेगा कि जो ईडी द्वारा लिखित में कोर्ट के सामने बयान प्रस्तुत किया जाता है, वह बातें गवाह ने बोली थी?

ईडी की इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने कहा कि यदि ईडी ने किसी प्रकार का कोई गैर संवैधानिक काम नहीं किया है. ईडी द्वारा यह बयान आधिकारिक तौर पर दिया जाना चाहिए. इस बयान में उस अधिकारी का नाम, पद और हस्ताक्षर होने चाहिए, जिस अधिकारी द्वारा यह बयान ईडी की ओर से जारी किया जा रहा है.

भारद्वाज ने बीते दिनों उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दिए गए बयान समें उन्होंने कहा था कि दिल्ली बाल आयोग को दिए जाने वाला पैसा बंद किया जाएगा और जो खबर सभी अखबारों में भी खूब चर्चा में रही. इसका हवाला देते हुए कहा कि बाद में उपराज्यपाल अपने इस बयान से मुकर गए कि हमने इस प्रकार का कोई बयान नहीं दिया है. इस प्रकार से ईडी द्वारा जारी किए गए इस बयान की भी तब तक कोई प्रमाणिकता नहीं है, जब तक की इस बयान पर जारी करने वाले अधिकारी का नाम उसका पद और हस्ताक्षर नहीं लिख दिए जाते.

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