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माता बहादुर कलारिन की कर्मस्थली में बसंत पंचमी सरहडगढ़ महोत्सव

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 14, 2024, 7:58 PM IST

Kalar mahotsav
कलार महोत्सव

Mata Bahadur Kalarin on Basant Panchami: बालोद में कलार समाज की ओर से कलार महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान डिप्टी सीएम भी महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. दरअसल, मां बहादुर कलारिन का नाम पूरे छत्तीसगढ़ में देवी के रूप में लिया जाता है. मां कलारिन पूरे छत्तीसगढ़ के साथ कलार समाज के पौराणिक इतिहास का हिस्सा हैं.

माता बहादुर कलारिन की कर्मस्थली में बसंत पंचमी सरहडगढ़ महोत्सव

बालोद: बालोद जिले के सोरर गांव में बसंत पंचमी के मौके पर कलार समाज की ओर से कलार महोत्सव का आयोजन किया गया. माता बहादुर कलारिन की कर्मस्थली में बसंत पंचमी सरहडगढ़ महोत्सव मनाया गया. इस दौरान यहां बतौर अतिथि प्रदेश उप मुख्यमंत्री अरुण साव और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए. इस आयोजन के माध्यम से समाज में अच्छे काम करने वालों को सम्मानित किया गया. इस दौरान डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि सरकार गांव गरीब किसान के लिए काम कर रही है. मोदी जी ने किसानों के लिए काम किया है. किसानों को प्राथमिकता दी है."

मातृ शक्ति आगे बढ़ेगी तो देश आगे बढ़ेगा: अरुण साव ने बालोद में कलार महोत्सव खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, " आज बसंत पंचमी का पावन पर्व है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब तीन विधायक है और तीनों एक मंच पर है. ये समाज का गौरव प्रतिष्ठा और एकजुटता का परिणाम है. समाज के बच्चे शिक्षित आत्मनिर्भर स्वावलंबी बने, इसके लिए काम करने की आवश्यकता है."

अरुण साव ने आगे कहा कि" ये छत्तीसगढ़ ऐसा प्रदेश है, जहां मेहनती लोग रहते हैं. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी ने सपना देखा और आज ये राज्य की सरकार सब समाज को आगे लेकर चल रही है. हम सभी को संकल्प लेने की आवश्यकता है कि छत्तीसगढ़ को प्रदेश का अव्वल राज्य बनाना है.महतारी वंदन योजना की शुरुआत करके महिलाओं को आगे बढ़ाने की शुरूआत हमारी सरकार ने की है. जब मातृ शक्ति आगे बढ़ेगी, तब देश आगे बढ़ता जायेगा."

छत्तीसगढ़ में कल्चुरी साम्राज्य का एक स्वर्णिम काल रहा है. पंच पीठ के दर्शन में सिन्हा समाज के तीर्थ को संवारने का काम किया है. भाजपा सरकार ने समाज को तवज्जो दिया है. हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को संवारने का काम करेंगे. मिलकर काम करेंगे तो चीजें आसान हो जाएंगी. परंपरा को साथ लेकर चलना है, छत्तीसगढ़ महतारी को आगे लेकर जाना है. किसान का मान-सम्मान करने का काम हमारी सरकार ने किया है. -श्याम बिहारी जायसवाल, छत्तीसगढ़ मंत्री

पर्यटन स्थल का मिले दर्जा: वहीं, कार्यक्रम के दौरान विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि, "यह माता बहादुर कलारिन की कर्मस्थली है. यहां कलार महोत्सव हुआ है. इस जगह को पर्यटन स्थल का दर्जा मिले, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. ये महोत्सव एक सप्ताह तक चलेगा. यही वो अवसर रहता है, जब हम एक मंच पर आते हैं और समाज के विषय पर चर्चा करते हैं. ऐसे आयोजनों से समाज की आने वाली पीढ़ी को समाज से जुड़ने का अवसर मिलता है. समाज की रीति नीति को समझने का अवसर मिलता है.

बता दें कि मां बहादुर कलारिन को पूरे छत्तीसगढ़ में देवी के रूप में पूजा जाता है. मां कलारिन पूरे छत्तीसगढ़ के साथ कलार समाज के पौराणिक इतिहास का हिस्सा हैं. छत्तीसगढ़ के इतिहास में मां कलारिन का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है. छत्तीसगढ़ की लोककथाओं में मां बहादुर कलारिन के किस्से सुनने को मिलते हैं. बताया जाता है कि मां कलारिन ने अपने ही बेटे की बलि दी थी.

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