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बुंदेलखंड टू बनारस इकोनॉमिक कॉरिडोर, चंद घंटों में काशी का सफर वाया बघेलखंड-महाकौशल - bundelkhand economic corridor

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 4:35 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 5:04 PM IST

SAGAR VARANASI ECONOMIC CORRIDOR
सागर-वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर

Sagar Varanasi Economic Corridor: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अब कुछ घंटों में ही पहुंच जाएंगे,इसके लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बुंदेलखंड, महाकौशल और बघेलखंड अब सीधे बनारस से जुड़ने जा रहा है. फोरलेन हाईवे से जुड़ने के बाद सागर से बनारस की दूरी महज 524 किलोमीटर होगी. यानि 6 से 7 घंटे में आप बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगा देंगे.

सागर। देश में बढ़ते सड़कों के जाल और आधुनिक फोरलेन हाईवे और एक्सप्रेस-वे के साथ बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर से लोगों का सफर आसान हो रहा है. अब बुंदेलखंड के लोगों को भी ये सुविधा मिलने जा रही है. सीधे फोरलेन हाईवे से कुछ ही घंटों में बनारस पहुंच जाएंगे. बाबा विश्वनाथ की नगरी तक पहुंचने के लिए ये सुविधा बुंदेलखंड के साथ महाकौशल और बघेलखंड के लोगों को भी मिलेगी. बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश भर में मेगा हाईवे प्लान तैयार किया गया था, जिसके तहत देश भर में प्रस्तावित 44 में से 20 इकोनॉमिक कॉरिडोर का काम शुरु होने जा रहा है. इसी में सागर-वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर भी शामिल है.

sagar varanasi economic corridor
इकोनॉमिक कॉरिडोर से बघेलखंड भी जुड़ेगा

सागर-वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर

उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के साथ महाकौशल और बघेलखंड अंचल सीधे बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी से जोड़ा जा रहा है. सागर-वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर शहर से फोरलेन सड़क से जुड़ेगा. इस मार्ग की लंबाई करीब 524 किमी होगी. इन इलाकों को फोरलेन हाईवे से जोड़ा जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक अभी लगने वाले समय से एक चौथाई कम समय लगेगा.

धार्मिक पर्यटन के साथ माल परिवहन में आएगी क्रांति

खास बात ये है कि मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड और महाकौशल अंचल के धार्मिक पर्यटन स्थल इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए सीधे वाराणसी और उत्तर प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों से जुड़े जाएंगे. इस इकोनॉमिक कॉरिडोर से मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा माल परिवहन के काम में तेजी आएगी और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के जरिए उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के महानगर आपस में जुड़ेंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी, जो दोनों राज्यों के औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा.

BUNDELKHAND ECONOMIC CORRIDOR
बुंदेलखंड इकोनॉमिक कॉरिडोर

केन्द्र सरकार की परियोजना

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मेगा हाईवे प्लान तैयार किया गया था. करीब 7 लाख करोड़ के मेगा हाईवे प्लान के तहत 83 हजार किमी से ज्यादा फोरलेन हाईवे बनाने की योजना तैयार की गई थी. जिसमें पहले चरण में देश भर में प्रस्तावित 44 इकोनॉमिक कॉरिडोर में से 20 इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है. इसमें उत्तरप्रदेश को 7 इकोनॉमिक कॉरिडोर की सौगात मिली थी. जिसमें सागर से वाराणसी कॉरिडोर का काम शुरू हो चुका है. यूपी और एमपी के बुंदेलखंड के जरिए उत्तरप्रदेश के वाराणसी को मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है. सागर वाराणसी कॉरिडोर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, व्यावसायिक राजधानी इंदौर और जबलपुर से जुड़ जाएगा.

सागर - वाराणसी कॉरिडोर परियोजना

केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सागर वाराणसी कॉरिडोर 524 किलोमीटर लंबा होगा. सागर से दमोह, कटनी और रीवा के जरिए बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को जोड़ा जाएगा. सागर- वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए फोरलेन हाईवे बनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य माल ढुलाई ( transportation) में तेजी लाने के साथ-साथ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन केंद्रों को आपस में जोड़ना है.जानकार बताते हैं कि प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर एक चौथाई समय की बचत होगी. एनएचएआई के सर्वे के तहत फिलहाल मार्ग पर करीब 10 हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं. 2018-19 में शुरू हुआ इकोनॉमिक कॉरिडोर का काम फिलहाल चल रहा है. फोरलेन हाईवे बन जाने से वाहनों की संख्या बढ़ाने के कारण रूट पर 14 ट्रैफिक मेजरमेंट प्वाइंट भी बनाए जा रहे हैं.

BUNDELKHAND ECONOMIC CORRIDOR
बुंदेलखंड से बनारस अब दूर नहीं

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'एमपी और यूपी के विकास का सेतु बनेगा सागर'

सागर विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि "सागर वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर एमपी और यूपी के विकास में अहम भूमिका निभाएगा. इस कॉरिडोर के जरिए जहां मध्यप्रदेश के भोपाल, जबलपुर और इंदौर जैसे शहर वाराणसी से जुड़ रहे हैं. इन शहरों के जुड़ने से व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दोनों राज्यों में मिलेगा. वही दोनों राज्यों के बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल के धार्मिक और पर्यटन स्थल भी राष्ट्रीय और वैश्विक पटल पर उभर कर सामने आएंगे.औद्योगिक विकास के साथ पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी".

Last Updated :Apr 19, 2024, 5:04 PM IST
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