रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली है. मामला रांची, सिमडेगा, रामगढ़, लोहरदगा, साहिबगंज और मधुपुर में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है. दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने एक साक्षात्कार में हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसपर झामुमो कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए अगस्त 2023 में राज्य के अलग-अलग जिलों के छह थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसपर बाबूलाल मरांडी की ओर से सिमडेगा थाना में दर्ज प्राथमिकी को क्वैश (रद्द) करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दी गई थी.
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में मामले की सुनवाई करते हुए बाबूलाल मरांडी के खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही विपक्षी को नोटिस जारी किया है. प्राथमिकी दर्ज करने वाले शख्स का पक्ष आने के बाद मामले पर अगली सुनवाई होगी.
दरअसल, पिछले साल बाबूलाल मरांडी ने संकल्प यात्रा निकाली थी. उस दौरान उन्होंने कई जिलों का दौरा कर तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई बयान दिए थे. उन्होंने सोरेन परिवार को भ्रष्टाचारी बताया था. झामुमो कार्यकर्ताओं ने थानों में प्राथमिकी के लिए आवेदन देते हुए आरोप लगाया था कि राज्य की जनता ने शिबू सोरेन को दिशोम गुरु की उपाधि दी है. उन्होंने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई है. इसके बावजूद एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होते हुए भी बाबूलाल मरांडी उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं.
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