जयपुर. शहर की महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत महानगर द्वितीय ने विवाहिता को प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए पति गिर्राज मीणा और उसकी मां भोली देवी को पांच साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान में इस प्रकार के अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि परिवादी कालूराम मीणा ने 28 सितंबर, 2021 को महिला थाना जयपुर उत्तर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि उसकी बेटी मीनू की शादी वर्ष 2015 में अभियुक्त गिर्राज के साथ हुई थी और उसका वर्ष 2020 में गौना कर दिया था. इसके बाद उसके ससुराल वाले मीनू को आए दिन परेशान करने लगे और कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. इस दौरान उसके साथ मारपीट भी की जाती थी. इसके बाद उसे फोन पर जानकारी दी गई कि उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.
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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि उनकी ओर से किसी तरह की प्रताड़ना नहीं की गई थी. मीनू ने आत्महत्या की थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.