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मसौढ़ी में सक्षमता परीक्षा का विरोध, विभाग के आदेश की प्रति जलायी, 13 को विधानसभा का करेंगे घेराव

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 5, 2024, 10:22 PM IST

Teacher Protest In Masaurhi: मसौढ़ी में सक्षमता परीक्षा का विरोध किया जा रहा है. शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति जलाते हुए विरोध जताया और 13 फरवरी को पटना में बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन में शामिल होंगे. पढ़ें पूरी खबर.

मसौढ़ी में सक्षमता परीक्षा का विरोध
मसौढ़ी में सक्षमता परीक्षा का विरोध

पटनाः बिहार में एक बार फिर से नियोजित शिक्षकों का आंदोलन शुरू हो चुका है. मामला नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा से संबंधित है. नियोजित शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति जलाकर विरोध जताया. इस दौरान 13 फरवरी को पटना में धरना प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की. शिक्षकों ने कहा कि सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी.

"सक्षमता परीक्षा के विरोध में पूरे बिहार में शिक्षा विभाग की प्रतियां जलाने का काम किया जा रहा है. शिक्षक संघ के सभी सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं. सभी सरकार से लोहा लेने के लिए तैयार हैं." -ब्रजकिशोर प्रसाद, अध्यक्ष, नियोजित शिक्षक संघ, मसौढी

पटना में होगा धरना प्रदर्शनः मसौढ़ी धनरूआ प्रखंड के सभी नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा से संबंधित गठित विभागीय समिति के सिफारिश की प्रति को बीआरसी कार्यालय के समक्ष जलाकर विरोध जाताया. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के विरोध में नारेबाजी की. शिक्षकों ने कहा कि उनकी सेवा 60 वर्ष के लिए थी. इस आदेश को लेकर नियोजित शिक्षकों में काफी आक्रोश है. इसी के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा.

"पूरे बिहार के शिक्षक एक बड़ा आंदोलन करने के लिए जा रहे हैं. 13 फरवरी को बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा. इस दिन पूरे बिहार से शिक्षक पटना पहुंचेंगे. मसौढ़ी के सभी शिक्षक तैयारी करें. सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी." -गजेंद्र कुमार हिमांशु, धनरूआ प्रखंड अध्यक्ष

क्या है मामलाः बता दें कि बिहार के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. इसको लेकर शिक्षा विभाग एक सक्षमता परीक्षा आयोजित कर रही है. जिसमें प्रत्येक शिक्षक को तीन बार परीक्षा पास करने का मौका दिया जाएगा. जो नियोजित शिक्षक परीक्षा पास कर लेंगे उन्हें राज्यकर्मी घोषित कर दिया जाएगा. जो शिक्षक तीन बार में भी परीक्षा पास नहीं करते हैं, उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.

बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिलेः इसी को लेकर बिहार में नियोजित शिक्षक संघ विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि वे परीक्षा नहीं देंगे लेकिन उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. शिक्षकों का कहना है कि उनकी बहाली 60 साल के लिए हुआ था. अब कोई भी कानून लाकर उन्हें नहीं हटाया जा सकता है.

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