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उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में हार्ट पेशेंटों को मिलेगी फर्स्ट एड किट, 55 PHC को किया जाएगा अपग्रेड - Uttarakhand Health Department

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 16, 2024, 3:16 PM IST

Updated : May 16, 2024, 4:01 PM IST

उत्तराखंड में नेशनल हेल्थ मिशन की STEMI योजना के तहत पहले चरण में 5 जिलों के 55 प्राइमरी हेल्थ सेंटर को अपग्रेड किया जाएगा. इन प्राइमरी हेल्थ सेंटरों पर हार्ट पेशेंटों के लिए थ्रोम्बोलाइटिक ड्रग्स की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. ये जानकारी उत्तराखंड नेशनल हेल्थ मिशन की निदेशक स्वाति भदोरिया ने दी है.

UTTARAKHAND HEALTH DEPARTMENT
STEMI योजना के तहत 55 PHC को किया जाएगा अपग्रेड (PHOTO- ETV Bharat)

उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में हार्ट पेशेंटों को मिलेगी फर्स्ट एड किट (video- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं पर मरहम लगाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के तहत ST-elevation myocardial infarction यानी STEMI योजना के तहत उत्तराखंड के सभी 125 प्राइमरी हेल्थ सेंटर को हृदय रोग संबंधित प्राथमिक उपचार के लिए अपडेट किया जाएगा. उत्तराखंड नेशनल हेल्थ मिशन की निदेशक स्वाति भदोरिया ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत यह प्रोजेक्ट पहली बार उत्तराखंड में शुरू किया जा रहा है. इस साल पहले चरण में प्रदेश के पांच जिलों के 55 प्राइमरी हेल्थ सेंटर को इस योजना के तहत लिया जाएगा, जबकि अगले साल बचे हुए सभी 8 जिलों के 70 प्राइमरी हेल्थ सेंटर को इस योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा.

प्राइमरी हेल्थ सेंटर में थ्रोम्बोलाइटिक ड्रग्स की होगी व्यवस्था: नेशनल हेल्थ मिशन की निदेशक स्वाति भदोरिया ने बताया कि इस योजना के तहत हृदय संबंधी सभी समस्याओं और उनके आकस्मिक उपचार के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर में व्यवस्थाओं को स्थापित किया जाएगा. जिस तरह से लगातार समाज में हार्ट अटैक के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में यदि किसी को अचानक से हार्ट अटैक की शिकायत होती है, तो उसे प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर भी प्राथमिक उपचार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ECG और अन्य उपकरण के अलावा अलावा हार्ट अटैक आने पर थ्रोम्बोलाइटिक ड्रग्स की भी व्यवस्था की जाएगी.

कोविड-19 के बाद बढ़े हार्ट अटैक के मरीज: बता दें कि कोविड-19 के बाद देश में हार्ट अटैक की समस्याओं ने विकराल रूप लिया है. उत्तराखंड में हार्ट अटैक के मामले केवल मैदानी जिलों तक सीमित थे, लेकिन वह अब पहाड़ी इलाकों में बढ़ने लगे हैं. कई बार देखा जाता है कि रोगी जब तक अस्पताल पहुंचता है, तब तक उसकी स्थिति खराब हो चुकी होती है या फिर वह सामान्य हो चुका होता है. ऐसे में अगर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ही हार्ड संबंधी बीमारी के लिए शुरुआती ड्रग्स या फिर उसको चेक करने के लिए सुविधा उपलब्ध होती है, तो यह व्यवस्था रोगी के लिए कारगार साबित होती है.

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Last Updated : May 16, 2024, 4:01 PM IST
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