मसौढ़ी: बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी में शिक्षक प्रशिक्षक महाविद्यालय में तकरीबन 300 फिजिकल टीचरों की ट्रेनिंग शनिवार को समाप्त हो गई. यहां बहाली हुए नए शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा था. ऐसे में प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद सभी को प्रमाण पत्र वितरण किया गया.
टीचरों ने सरकार से लगाई गुहार: वहीं, प्रमाण पत्र लेने के बाद सभी फिजिकल टीचरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि हम सभी का स्कूल में उपेक्षा किया जा रहा है. 2 घंटे का ड्यूटी रहता है. ऐसे में सरकार हम सभी को पूर्णकालिक बनाए. 8000 रूपये के वेतन में हमारा घर परिवार चलना मुश्किल है.
300 फिजिकल टीचरों का हुआ ट्रेनिंग: इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि महंगाई के अनुसार वेतन विसंगतियां को दूर किया जाए, ताकि परिवार का भरण पोषण हो सकें. बता दें कि नालंदा से आए तकरीबन 300 फिजिकल टीचरों का मसौढ़ी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में प्रशिक्षण चल रहा है.
"विषय स्तरीय शिक्षकों की बहाली हो रही है. फिर भी सरकार हम सभी को उपेक्षित कर रही है. 2 घंटे की ड्यूटी रहती है. ऐसे में हम सभी का भविष्य सुरक्षित नहीं है. सरकार अगर हम सभी टीचरों को पूर्णकालिक नहीं करती है तो हम सभी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे." - सविता देवी, फिजिकल टीचर, नालंदा
"हम सभी फिजिकल टीचरों की मांग मुख्यमंत्री से लगातार कर रहे है की हम सबो को पुर्णकालिक बनाया जाये और वेतन विसंगति को दुर करें" - रंजना कुमारी, फिजिकल टीचर, नालंदा
"महज आठ हजार रूपये के वेतन में इस महंगाई में गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा है. सरकार हम सभी फिजिकल टीचर को परमानेंट करें." - अंशु कुमारी, फिजिकल टीचर, नालंदा
रैंडमाइजेशन के जरिए आवंटन: शिक्षा विभाग की मानें तो जैसे-जैसे विभाग को सूची प्राप्त होते जाएगी, वैसे-वैसे रैंडमाइजेशन के जरिए स्कूल आवंटित किए जाएंगे. इस बार भी सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में रिक्त पदों पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. इसके बाद ही कस्बाई क्षेत्र के स्कूलों में नियुक्तियां की जाएगी.
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