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क्या है पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र की जनता के मन में, किन मुद्दों पर वोट देंगे मतदाता? - LOK SABHA ELECTION 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 1, 2024, 2:32 PM IST

Updated : Apr 3, 2024, 7:50 AM IST

PATLIPUTRA LOK SABHA SEAT: लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है, पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा हैं. ऐसे में वहां की जनता ने बताया है कि इस बार वे किन मुद्दों पर वोट करने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं कि मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की क्या राय है ?

पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र
पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र

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पटना: लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हैं, मतदान में चंद दिन बचे हैं. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा में से एक मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर मतदाताओं की क्या राय है ? उनके चुनावी मुद्दे क्या हैं ? ईटीवी भारत के संवाददाता ने मतदाताओं से बातचीत कर उनके राज जानने की कोशिश की है. बता दें कि यहां 7वें चरण में 1 जून को मतदान होना है.

मतदाताओं ने बताए चुनावी मुद्दे: इस दौरान मतदाताओं ने कहा कि देश में सबसे बड़ी बेरोजगारी की समस्या है. पटना जिले से नजदीक मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 3 लाख की आबादी है, बावजूद आज तक रोजगार को लेकर कोई उद्योग यहां पर स्थापित नहीं हो पाया है. स्थानीय मकबूल आलम ने कहा कि मसौढ़ी में महाजाम की स्थिति बनती है, लेकिन राज्य स्तर पर यहां पर बस स्टैंड नहीं बन पाए हैं.

जनता का चुनावी मुद्दा रहेगा 'विकास'
जनता का चुनावी मुद्दा रहेगा 'विकास'

'पर्यटन के क्षेत्र में कुछ विकास नहीं': वहीं मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि मसौढ़ी का तारेगना अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाई है. बावजूद पर्यटन के क्षेत्र में आज तक कोई भी सरकार बढ़ावा नहीं दे पाई है. मकसूद राजा ने कहा कि मसौढ़ी में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है, खासकर लड़कियों के लिए एक भी कॉलेज नहीं बना है, इसके अलावा कई बुनियादी समस्याओं को इस बार पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में चुनावी मुद्दा बना रहे हैं.

"चुनाव में मुद्दा विकास का ही है. पूरे पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा है लेकिन मसौढ़ी अपेक्षित रहा है. आज तक सरकारी कॉलेज नहीं बना है, राज्य स्तर पर बस स्टैंड नहीं है, रिंग रोड की आवश्यकता है. मसौढ़ी जैसे पिछड़ा क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई उद्योग नहीं बना है, लड़कियों के लिए सरकारी कॉलेज नहीं बन पाए हैं. पर्यटन के क्षेत्र में आज तक बढ़ावा नहीं मिला है."- राहुल चंद्र, शिक्षाविद

रिंग रोड के व्यवस्था की मांग: वहीं शिक्षाविद राहुल चंद्र ने कहा कि मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र में रिंग रोड की व्यवस्था होनी चाहिए थी, जो नहीं है. वार्ड पार्षद कुमारी प्रीतिलता ने कहा कि मसौढ़ी के संगतपर की ओर से पुरानी बायपास रोड आज तक किसी भी सरकार में नहीं बन पाई है. रंजीत कुमार यादव ने कहा कि मसौढ़ी का विकास कई मायनों में अधूरा है. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा में सबसे ज्यादा उपेक्षित मसौढ़ी विधानसभा रहा है.

"अन्य विधानसभा में कई विकास हुए हैं. फुलवारी, दानापुर, बिहटा में काफी काम हुआ है. लेकिन मसौढ़ी में आज तक काम नहीं हुआ है. इस बार वैसे सांसद प्रतिनिधि को चुनेंगे जो मसौढ़ी की विकास के लिए तत्पर रहेंगे. सिर्फ घोषणा और आश्वासन ही नहीं बल्कि काम करेगें. हम सभी मतदाताओं को विकास चाहिए, विकास हर चुनाव का मुद्दा होता है. विकास नहीं तो वोट नहीं."- रंजीत कुमार यादव, स्थानीय

मसौढ़ी विधानसभा सीट से राजद की जीत: गौरतलब है कि पाटलिपुत्र लोक सभा सीट काफी हॉट सीट मानी जाती है. वर्ष 2009 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं, जहां पर राजद उम्मीदवार की हार हुई है. लेकिन पूरे 6 विधानसभा क्षेत्र में केवल एक मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां पर राजद लीड करती है. वर्ष 2009 से लेकर अब तक के चुनाव में राजद का वोट मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र से 10 से 15000 से अधिक रहता है. भले ही पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से एनडीए के सांसद रामकृपाल यादव जीतते रहे हैं, लेकिन मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र में 15000 वोट से काफी वह पीछे ही रहते हैं.

लोकसभा में चाचा-भतीजी के बीच लड़ाई: बहरहाल इस बार सियासी पिच में इंडिया गठबंधन से राजद उम्मीदवार मीसा भारती और एनडीए गठबंधन से रामकृपाल यादव यानी चाचा और भतीजी के साथ एक बार फिर से चुनावी लड़ाई देखने को मिलेगी. अब जनता किस पाले में गेंद फेंकती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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Last Updated : Apr 3, 2024, 7:50 AM IST
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