पानीपत: दिल्ली कूच को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की है. इसके अलावा भारी बैरिकेडिंग कर हरियाणा पंजाब और पंजाब दिल्ली बॉर्डर को सील कर दिया है ताकि किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली ना जा सके. किसानों और सरकार के बीच इस टकराव का असर आमजन और व्यापारियों पर देखने को मिल रहा है.
पानीपत उद्यौगिक नगरी पर किसान आंदोलन का असर: पानीपत के व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि अगर ये किसान आंदोलन पहले की तरह लंबा चला तो, पानीपत हैंडलूम मार्केट बिल्कुल ठप हो जाएगी. पानीपत व्यापार मंडल के प्रधान सुरेश बावेजा ने कहा कि पंजाब और दिल्ली बॉर्डर सील होने के चलते मार्केट बिल्कुल ठंडी पड़ गई है. दूसरे राज्य से आने वाले व्यापारी भी यहां खरीदारी करने के लिए नहीं पहुंच रहे.
दिल्ली बॉर्डर सील होने से हैंडलूम व्यापार पर असर: सुरेश बावेजा ने कहा कि खरीदादरों को डर सता रहा है कि औद्योगिक नगरी में पहुंचने के उन्हें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा. व्यापारियों ने कहा कि इस आंदोलन का फर्क अब एक्सपोर्ट मार्केट पर भी पड़ने लगेगा है, क्योंकि एक्सपोर्ट मार्केट के सारे कंटेनर दिल्ली से ही निकलते हैं और दिल्ली जब बंद होगी, तो पूरा असर इस पानीपत हैंडलूम मार्केट पर पड़ेगा.
'लंबा चला आंदोलन तो करोड़ों का होगा नुकसान': कंबल व्यापारी रामनिवास ने कहा कि पिछली बार के किसान आंदोलन ने पानीपत की एक्सपोर्ट मार्केट से लेकर डॉमेस्टिक मार्केट को बिल्कुल ठप कर दिया था. कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान इस एक्सपोर्ट मार्केट को झेलना पड़ा था. बाहर से ऑर्डर मिलना भी बंद हो गया था. ऑर्डर के लिए आई हुई पेमेंट भी एक्सपोर्ट को वापस करनी पड़ी थी. अब वैसा ही डर उन्हें फिर से सताने लगा है.
व्यापारियों का कहना है कि वो शांति चाहते हैं. उन्हें नहीं पता कि सरकार गलत है या किसान. उन्हें सिर्फ ये पता है कि इस आंदोलन के चलते कहीं ना कहीं पानीपत हैंडलूम मार्केट को बड़ी हानि होगी. पानीपत के व्यापारियों ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वो जल्द ही इस समस्या का समाधान करे.