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एससी एसटी एक्ट में पलामू कोर्ट ने विधायक भानु प्रताप शाही को किया बरी, चार लोगों को हुई सजा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 20, 2024, 4:36 PM IST

Bhanu Pratap Shahi acquitted
Bhanu Pratap Shahi acquitted

Bhanu Pratap Shahi acquitted. एससी एसटी एक्ट के मामले में पलामू एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक भानु प्रताप शाही को बरी कर दिया है. मुकदमे के अन्य धाराओं में चार लोगों को सजा भी हुई है.

पलामू: एससी एसटी एक्ट मामले में पलामू कोर्ट ने गढ़वा के भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही को बरी कर दिया है. जबकि मुकदमे के अन्य धाराओं में चार लोगों को सजा सुनाई गई है. कुछ महीना पहले भी विधायक भानु प्रताप शाही पलामू कोर्ट में पेश हुए थे. मंगलवार को पलामू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान विश्वसनीय साक्ष्य नहीं रहने पर बरी कर दिया गया.

दरअसल, 2006 में गढ़वा के भवनाथपुर के सेल में तैनात डॉक्टर विजय कुमार ने विधायक भानु प्रताप शाही समेत कई लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाया था. उस दौरान सेल के क्वार्टर को लेकर विधायक भानु प्रताप शाही और डॉक्टर विजय कुमार के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद डॉक्टर विजय कुमार ने विधायक पर जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था, इस दौरान डॉक्टर के क्वार्टर से सामानों को फेंकने का भी आरोप लगा था. पलामू एमपी एमएलए कोर्ट में मंगलवार सुनवाई को दौरान विधायक को बरी कर दिया गया जबकि मुकदमे के अन्य धारा 384 के तहत मनोज पहाड़िया, उपेंद्र, मनोज और भगवत दयाल को छह छह महीने की कारावास की सजा सुनाई गई.

विधायक भानु प्रताप शाही के अधिवक्ता एसएसपी देव ने बताया कि विश्वसनीय साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी किया है, मुकदमे के अन्य धाराओं में चार लोगों को सजा हुई है. विधायक भानु प्रताप शाही ने बताया कि एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें न्याय मिला है. कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा था और उन्हें न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं उन्हें फसाने की साजिश रची गई थी.

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