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बड़ा खुलासा : सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फर्जी NOC पर हुए ट्रांसप्लांट, क्या सरकार बचा रही जिम्मेदारों को ? - Organ transplant case

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 12:17 PM IST

अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फर्जी साइन द्वारा ऑर्गन ट्रांसप्लांट का मामला सामने आया है. फर्जी एनओसी पर उन चिकित्सकों के हस्ताक्षर पाए गए हैं, जो राज्य स्तरीय प्राधिकरण कमेटी में शामिल नहीं थे. जिसके बाद इस ट्रांसप्लांट पर जारी की गई एनओसी पर सवाल खड़े हो गए हैं.

ORGAN TRANSPLANT CASE
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फर्जी NOC पर हुए ट्रांसप्लांट (फोटो : ईटीवी भारत)

जयपुर. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से अटैच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फर्जी साइन द्वारा ऑर्गन ट्रांसप्लांट का मामला सामने आया है. दरअसल सरकार ने जिन व्यक्तियों को राज्य स्तरीय प्राधिकरण कमेटी में शामिल किया था, उन व्यक्तियों के हस्ताक्षर पर ही एनओसी जारी होनी थी लेकिन एक फर्जी एनओसी जारी कर अस्पताल में ट्रांसप्लांट कर दिया गया. इस फर्जी एनओसी पर उन चिकित्सकों के हस्ताक्षर थे जो कमेटी में शामिल ही नहीं थे, जिसके बाद ऑर्गन ट्रांसप्लाट फर्जी एनओसी मामले पर सरकार की जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं.

यूं समझिए मामले को : चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 18 अप्रैल 2023 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि मानव अंग और उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत राज्य स्तरीय सलाहकार एवं प्राधिकार समिति के सदस्यों के रूप में डॉ. राजीव बगरहट्टा को अध्यक्ष व डॉ. राम गोपाल यादव, डॉ. अनुराग धाकड़, भावना जगवानी, अपर्णा सहाय को सदस्य बनाया गया. इन सभी का कार्यकाल अगले दो वर्षों तक होने वाला था, लेकिन 23 मई 2023 को ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एक फर्जी एनओसी बनाई जाती है और इस NOC पर डॉक्टर अजय यादव, डॉक्टर अंकुर गुप्ता, डॉक्टर अजीत सिंह शक्तावत और डॉक्टर अशोक शर्मा के हस्ताक्षर पाए जाते हैं. जिसके बाद इस ट्रांसप्लांट पर जारी की गई एनओसी पर सवाल खड़े हो गए हैं.

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इसके अलावा सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से अटैच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगभग 50 से अधिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट हो गए लेकिन ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों ने एनओसी पर होने वाले हस्ताक्षर को नजर अंदाज कर दिया. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों को कमेटी के बारे में क्या जानकारी नहीं थी ? जब इस मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और चिकित्सा विभाग की एसीएस से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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