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बीएचयू की पूर्व चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, कोर्ट ने कहा- 27 मार्च को हाजिर हों

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 12:03 PM IST

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व चीफ प्रॉक्टर रोयना सिंह (Royna Singh non bailable warrant) की मुश्किलें आगामी दिनों में बढ़ सकती हैं. कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व चीफ प्रॉक्टर रोयना सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. लूट, छेड़खानी और गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में कोर्ट में दाखिल किए गए परिवाद के बाद रोयना सिंह को 27 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है.

वाराणसी में मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट तृतीय पवन सिंह की अदालत ने बीएचयू की पूर्व चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रोयना सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. लंका के रहने वाले आशीष सिंह ने तत्कालीन प्रॉक्टर प्रोफेसर रोहिना सिंह पर लूट, छेड़छाड़ और गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में अधिवक्ता अंशुमन त्रिपाठी के जरिए अदालत में एक परिवाद दाखिल किया था.

बयान दर्ज होने पर अदालत में प्रोफेसर रोहिना सिंह को तलब करते हुए 2 मार्च 2019 को सम्मन जारी किया था. बाद में हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित करने के बाद कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. इसके बाद स्थगन के समय विधि में बढ़ोतरी नहीं होने पर प्रोफेसर रोयना सिंह के मौजूद न होने पर परिवादी ने अधिवक्ता के जरिए वारंट करने का अदालत से अनुरोध किया था.

अधिवक्ता ने दलील के समर्थन में स्थगन आदेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की नजीर भी अदालत में प्रस्तुत की. पत्रावलियों के अवलोकन के बाद अदालत ने पूर्व चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए 27 मार्च को उन्हें तलब किया है.

आरएसएस भवन को फिर से संचालित करने की याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई : सिविल जज जूनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक प्रथम पवन सिंह की कोर्ट में बुधवार को बीएचयू में स्थापित आरएसएस भवन को फिर से संचालित करने और वहां किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न किए जाने को लेकर दाखिल वाद पर सुनवाई टल गई. कोर्ट के मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले में अब 15 मार्च की सुनवाई होगी. पिछले तिथि पर विपक्षी ने इस वाद पर जवाबदेही दाखिल की है.

प्रकरण के अनुसार मुकदमा सुंदरपुर के कौशलेश नगर कालोनी निवासी प्रमील पांडेय ने अपने अधिवक्ता गिरीश उपाध्याय, मुकेश मिश्रा के जरिए कोर्ट में वाद दाखिल किया था. सिविल जज जूनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक प्रथम ने इसे संज्ञान लेते हुए बीएचयू से अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिया था.

दाखिल वाद में कहा गया है कि बीएचयू में वर्ष 1931 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा शुरू हुई थी. महामना पं. मदन मोहन मालवीय की पहल पर वर्ष 1937-38 में यहां दो कमरों का संघ भवन बनवाया गया था. महामना ने उस समय के प्रति कुलपति राजा ज्वाला प्रसाद से भवन बनवाया था. बाद में इमरजेंसी काल में 22 फरवरी को 1976 को तत्कालीन कुलपति कालूलाल श्रीमाली के कार्यकाल में संघ भवन को रातोंरात गिरवा दिया गया था.

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