कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में खोले पत्ते, राजस्थान में एक भी लोकसभा प्रत्याशी मुस्लिम और ब्राह्मण नहीं - Congress candidate in LS election

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 28, 2024, 6:47 PM IST

Updated : Mar 28, 2024, 7:27 PM IST

Congress candidate in LS election

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अब तक 24 सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं. इनमें से एक भी जगह मुस्लिम या ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं उतारा गया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस की चुनावी रणनीति किस ओर जा रही है. पढ़ें ये रिपोर्ट...

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जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में प्रदेश की 25 सीटों पर भाजपा के विजय रथ को रोकने और 10 साल से जारी सीट का सूखा खत्म करने का दावा कर रही कांग्रेस ने अब तक 24 सीटों पर अपने पत्ते खोले हैं. हालांकि, एक सीट (राजसमंद) से पार्टी सुदर्शन सिंह रावत की जगह किसी और को चुनावी मैदान में उतारेगी. फिलहाल, अभी तक कांग्रेस ने जिन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. उनमें एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है. जबकि जयपुर शहर से सुनील शर्मा के रूप में एकमात्र ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला गया था. लेकिन उनका टिकट भी विवाद के बाद बदल दिया गया. मुस्लिम और ब्राह्मण चेहरे को चुनावी मैदान में नहीं उतारने के बाद कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं. जबकि मुस्लिम मतदाता परंपरागत रूप से कांग्रेस का कोर वोटर हैं. अब बांसवाड़ा-डूंगरपुर ही एक सीट है. जहां से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. लेकिन यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. ऐसे में यहां से भी मुस्लिम या ब्राह्मण प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना संभव नहीं है.

राजसमंद से टिकट बदलकर उतारेंगे ब्राह्मण प्रत्याशी: कांग्रेस ने 25 मार्च को राजसमंद सीट से भीम-देवगढ़ के पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत को चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन दो दिन बाद रावत ने पारिवारिक कारण बताते हुए किसी और को चुनावी मैदान में उतारने का अनुरोध किया. इसके चलते अब राजसमंद का टिकट बदला जाना तय है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस सीट से किसी मजबूत ब्राह्मण प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. भाजपा ने दो टिकट ब्राह्मण वर्ग को दिए हैं. ऐसे में राजसमंद से ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस डेमेज कंट्रोल का प्रयास कर सकती है.

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पिछले तीन चुनाव में एक-एक टिकट मुस्लिम वर्ग से: राजस्थान में बीते तीन लोकसभा चुनावों की बात करें तो 2009, 2014 और 2019 में कांग्रेस ने एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था. साल 2009 में कांग्रेस ने चूरू से मकबूल मंडेलिया को, 2014 में टोंक-सवाई माधोपुर से क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को और 2019 में चूरू से रफीक मंडेलिया को प्रत्याशी बनाया था. हालांकि, ये सभी चुनाव हार गए थे.

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कैप्टन अयूब एकमात्र मुस्लिम जो सांसद बने: राजस्थान की बात करें तो भाजपा ने कभी भी किसी मुस्लिम चेहरे को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया है. जबकि कांग्रेस हर बार एक सीट पर मुस्लिम चेहरे पर दांव खेलती है. हालांकि, लोकसभा चुनाव का इतिहास देखें, तो अब तक कैप्टन अयूब खां एक मात्र मुस्लिम हैं. जो लोकसभा में पहुंचे हैं. वे 1984 और 1991 में झुंझुनूं से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में टोंक-सवाई माधोपुर से मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे चर्चित चेहरे को भी हार का सामना करना पड़ा था.

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ये हैं प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटें: राजस्थान की जैसलमेर-बाड़मेर, नागौर, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, टोंक-सवाई माधोपुर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, अलवर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर और जोधपुर संसदीय क्षेत्र ऐसे हैं. जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं.

इन सीटों पर ब्राह्मण मतदाता ज्यादा: राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, भीलवाड़ा, अलवर, चित्तौड़गढ़, बीकानेर, भरतपुर, अजमेर, सीकर, पाली और बूंदी जिले के शहरी इलाकों में ब्राह्मण मतदाताओं की बड़ी तादाद है. इसके अलावा प्रदेश की कई सीटों पर ब्राह्मण मतदाताओं की निर्णायक भूमिका मानी जाती है.

कांग्रेस ने किया ब्राह्मण समाज का अपमान-मिश्रा: सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा का कहना है कि आजादी के बाद से ही हर चुनाव में सभी राजनीतिक दल दो-तीन प्रत्याशी ब्राह्मण वर्ग से उतारती आई है. यह पहली बार है. जब पूरे प्रदेश में कांग्रेस को एक भी ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस को इस काबिल नहीं लगा कि उसे उम्मीदवार बनाया जा सके. यह ब्राह्मण समाज का अपमान और अनादर है. जयपुर शहर से एक टिकट दिया तो अपमानित करके वापस छीन लिया गया.

टिकट से कुछ नहीं, लीडरशिप से सबकुछ-खान: एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारने के सवाल पर कांग्रेस विधायक रफीक खान का तर्क है कि माइनॉरिटी सजग है. कांग्रेस ने मुस्लिम समाज में एक जज्बा पैदा किया है कि टिकट से कुछ नहीं होता है. लीडरशिप से सबकुछ होता है. कांग्रेस पार्टी जिंदा रहेगी तो सब जिंदा रहेंगे. सबने यह तय किया है कि इस बार हर आदमी और हर आवाम कांग्रेस के साथ है. पार्टी का हर कार्यकर्ता जाति और धर्म से ऊपर उठकर कांग्रेस के साथ है.

देश के लिए मुस्लिम नेताओं ने किया त्याग-डोटासरा: गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि माइनॉरिटी के सभी नेताओं ने यह कहा कि आज देशहित में यह है कि नरेंद्र मोदी सत्ता से हटे. यह तानाशाह सरकार दिल्ली से हटे. इसलिए उन्होंने आगे बढ़कर यह कहा है कि मोदी को सत्ता से हटाना जरूरी है और देश बचाना जरूरी है. हमारा चुनाव लड़ना कोई जरूरी नहीं है. हम लड़ते रहे हैं. आगे भी लड़ते रहेंगे. यह बहुत बड़ी बात है. हम उनके त्याग और समर्पण के जज्बे को सलाम करते हैं.

Last Updated :Mar 28, 2024, 7:27 PM IST
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