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खगड़िया लोकसभा सीट पर Nda और इंडिया गठबंधन ने नए चेहरे पर जताया भरोसा, जानें क्यों खास है यह सीट - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 13, 2024, 2:54 PM IST

Lok Sabha Election 2024: खगड़िया लोकसभा सीट पर इस बार दोनों ही गठबंधन ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है. एनडीए की ओर से जहां लोजपा (रामविलास) ने राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. तो वहीं, महागठबंधन की ओर से सीपीआईएम नेता संजय कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है.

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खगड़िया: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए और इंडिया गठबंधन दल ने अपने-अपने तरफ से सर्वे कराकर प्रत्याशियों को टिकट देने का काम किया है. इस बीच बिहार की एक सबसे खास सीट पर दोनों ही दल ने नए चहरे को मौका दिया है. हम बात कर रहे हैं खगड़िया लोकसभा सीट की.

एनडीए ने राजेश वर्मा को दिया मौका: दरअसल, खगड़िया लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार शुरू हो गया है. एनडीए की ओर से जहां लोजपा (रामविलास) ने राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. तो वहीं, इंडिया गठबंधन की ओर से सीपीआईएम नेता संजय कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है. दोनों ही प्रत्याशी जीत का दावा कर रहे हैं. यह बात अलग है कि दोनों के लिए बतौर प्रत्याशी यह पहला लोकसभा चुनाव है.

महागठबंधन ने संजय पर भरोसा जताया: बता दें कि खगड़िया लोकसभा सीट के लिए महागठबंधन और एनडीए ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है. दोनों गठबंधन ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है. पहली बार दोनों प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. महागठबंधन ने माकपा को यह सीट दी है, जहां से माकपा नेता ने संजय कुमार और एनडीए की ओर से लोजपा (आर) ने राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है.

पिता और भाई दोनों रह चुके हैं विधायक: 58 वर्षीय माकपा प्रत्याशी संजय कुमार की बात करें तो वह जिले के सदर प्रखंड अन्तर्गत माडर गांव के रहने वाले हैं. संजय के पिता योगेन्द्र सिंह वर्ष 2000 से 2005 तक खगड़िया सदर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. उनके छोटे भाई अजय कुमार सिंह समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर से फिलहाल विधायक हैं. संजय वर्ष 1979 में एआईएसएफ की सदस्यता ग्रहण की.

माकपा के जिला सचिव रह चुके हैं संजय: इसक बाद वर्ष 1980 में राज्य कमेटी में सदस्य बने. वर्ष 1987 से 2012 तक भारत की जनवादी नौजवान सभा का जिला सचिव रहे. वर्ष 2015 से अब तक माकपा के जिला सचिव हैं. वर्ष 2022 में माकपा के राज्य राज्य सचिव मंडल सदस्य चुने गए. स्कूल की रसोइया के मानदेय बढ़ाने सहित जिले की विभिन्न समस्याओं को लेकर संघर्षरत हैं.

भागलपुर के बड़े सर्राफा व्यावसायी हैं राजेश: वहीं, लोजपा (आर) प्रत्याशी राजेश वर्मा भागलपुर के बड़े सर्राफा व्यावसायी हैं. वह बड़े बिल्डर एवं डेवलपर कंपनी के मालिक हैं. वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं. 2017 में उन्होंने भागलपुर नगर निगम के जरिये राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा. पहली बार में ही डिप्टी मेयर बन गए.

डिप्टी मेयर बन राजनीति में कदम बढ़ाया: डिप्टी मेयर रहते हुए ही इन्होंने सक्रिय राजनीति में भी कदम बढ़ाया. लोजपा के टिकट से 2020 में भागलपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 12.8 प्रतिशत यानि 20523 मत मिले थे. इसके बाद वह लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान के साथ जुड़े रहे. वहीं, पशुपति पारस से मतभेद हुआ तब भी वे उनके साथ थे. साथ ही लोजपा के भागलपुर से जिलाध्यक्ष भी रहे.

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