प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ के सीजेएम को बेल कैंसिलेशन अर्जी में पता के गलत विवरण से गैर जमानती वारंट पर गिरफ्तार रेप के आरोपी को रिहा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने गैर जमानती वारंट आदेश रिकॉल करने की मांग में दाखिल आदित्य कुमार वर्मा की अर्जी पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी, गोपाल कृष्ण दीक्षित और प्रशांत वर्मा को सुनकर दिया है.
एडवोकेट अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि पीड़िता ने आदित्य की जमानत निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया. हाईकोर्ट ने इस बेल कैंसिलेशन अर्जी पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त आदित्य राज वर्मा को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. इस आदेश पर ऑफिस रिपोर्ट आई कि अभियुक्त ढूंढने पर नहीं मिला और ये पता गलत है. इस पर हाईकोर्ट ने अभियुक्त के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया और सीआरपीसी की धारा 82 की कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्देश दिया. एडवोकेट त्रिपाठी के अनुसार इसी बीच गत 28 अप्रैल को पुलिस ने अभियुक्त को उसकी दुकान से गिरफ्तार कर लिया और उसे बहुत मारा. उसके बाद एनबीडब्ल्यू आदेश रिकॉल करने की यह अर्जी दाखिल हुई.
अभियुक्त के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि बेल कैंसिलेशन अर्जी में अभियुक्त का गलत एवं फेक पता जिला आजमगढ़ दर्शाया गया है, जबकि वास्तव में अभियुक्त मऊ जिले का रहने वाला है. इसी कारण जानबूझकर पुलिस और पीड़िता की मिलीभगत से सीजेएम के यहां गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई कि अभियुक्त दिए गए पते पर नहीं मिला और ऐसा कोई पता आजमगढ़ जिले में उपलब्ध नहीं है. अभियुक्त के वकीलों ने आगे कहा कि इसी गलत रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने एनबीडब्ल्यू और सीआरपीसी की धारा 82 की कार्यवाही करने का आदेश कर दिया था. साथ ही आरोप लगाया कि यह पुलिस और पीड़िता की सोची समझी साजिश के तहत किया गया ताकि अभियुक्त को गिरफ्तार किया जा सके.
बेल एप्लीकेशन में अभियुक्त का पता जिला मऊ लिखा है फिर भी जानबूझकर तथ्यों को छुपाकर जिला आजमगढ़ दर्शाकर बेल कैंसिलेशन अर्जी दाखिल की गई. रिकॉल अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है इसलिए ऑर्डर को रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता लेकिन सीजेएम को अभियुक्त को तत्काल निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया.
अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने यह भी बताया कि दोषियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत अर्जी दाखिल की गई है, जिसमें पीड़िता और एक दरोगा सहित चार पुलिसकर्मियों को पक्षकार बनाते हुए उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही करते हुए सजा सुनाने की मांग की गई है.
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