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फरार माफिया बदन सिंह बद्दो के खिलाफ NBW जारी, हत्या और शराब तस्करी से अपराध की दुनिया में कमाया नाम

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 7:06 AM IST

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लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिमी यूपी के माफिया बदन सिंह बद्दो (mafia Badan Singh Baddo) के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. जून 2023 को लखनऊ की कोर्ट में पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर आए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के मामले में वारंट जारी किया गया है.

लखनऊ : पश्चिमी यूपी के माफिया बदन सिंह बद्दो के खिलाफ लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने न्यायालय में हुए संजीव जीवा शूटआउट केस में गैर जमानती वारंट जारी किया है. बद्दो पर योगी सरकार पहले ही पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर चुकी है, हालांकि बदन सिंह बद्दो बीते 5 वर्षों से फरार है और माना जा रहा है कि वह विदेश में छुपा हुआ है.


कोर्ट परिसर में गोली मारकर जीवा की हुई थी हत्या : जून 2023 को लखनऊ की कोर्ट में पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर आए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को शूटर ने वकील की ड्रेस पहनकर उस वक्त अंजाम दिया था जब जीवा मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुआ था. पुलिस ने बदन सिंह बद्दो को शूटआउट का साजिशकर्ता बताया था. बद्दो पश्चिमी यूपी का कुख्यात माफिया माना जाता है. बताया जाता है कि, पांच वर्ष पहले वह मेरठ में पुलिस हिरासत से फरार होने के बाद विदेश भाग गया था. बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. माफिया बद्दो बीते कई वर्षों से यूपी पुलिस की टॉप 25 माफिया की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर रहा है. इसके अलावा पुलिस अब तक उसकी दस करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है.

ट्रक ड्राइवर का बेटा बना पांच लाख का इनामी : किसी हॉलीवुड फिल्म का हीरो दिखने वाले माफिया बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह पंजाब के जालंधर से वर्ष 1970 में बेरीपुर मेरठ आ गए और ट्रक ड्राइवर का काम करने लगे थे. कुछ समय ड्राइवर का काम करने के बाद उन्होंने खुद का ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू किया. बदन सिंह बद्दो अपने सात भाइयों में सबसे छोटा था. उसकी दोस्ती जरायम की दुनिया के लोगों से हुई तो उसकी बैठकी अपराधियों के साथ शुरू हो गई. 40 की उम्र होते-होते बद्दो के सभी छह भाइयों की मौत हो चुकी थी.

शराब की तस्करी से जरायम की दुनिया में हुई थी बद्दो की एंट्री : वर्ष 1980 आते-आते बदन सिंह मेरठ के छोटे मोटे बदमाशों के साथ रहा और शराब की तस्करी के काम में लगा रहा. इसी शराब तस्करी से उसने मेरठ ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और यहां तक कि आंध्र प्रदेश तक अपनी अलग पहचान बना ली. शराब तस्करी के दौरान ही उसकी मुलाकात पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर रविंद्र भूरा से हुई और उसके गैंग में शामिल हो गया. बदन सिंह बद्दो के खिलाफ पहला आपराधिक मामला वर्ष 1988 में दर्ज हुआ. उसने एक जमीन विवाद में मेरठ के कोतवाली बाजार में राजकुमार की हत्या कर दी. पहली बार वह 1988 में ही गिरफ्तार हुआ था, उसके पास से पुलिस को एक राइफल और 15 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे.


एक थप्पड़ ने करा दी थी बद्दो को उम्रकैद : वर्ष 1994 में बदन सिंह ने प्रकाश नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बदन सिंह चर्चा में तब आया जब वर्ष 1996 में बदन सिंह बद्दो ने वकील रविंद्र सिंह की हत्या कर दी. इस हत्याकांड के पीछे का कारण बताया जाता है कि वारदात के एक दिन पहले ही बदन सिंह बद्दो ने रविंद्र के पारिवारिक मित्र की पत्नी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे नाराज रविंद्र सिंह ने बद्दो को थप्पड़ मार दिया. रविंद्र की हत्या के मामले में साल 2017 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा, उस पर वर्ष 2011 में मेरठ जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर व वर्ष 2012 में केबल नेटवर्क के मालिक की हत्या का भी मामला दर्ज है.

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