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लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति, क्या फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे वही धुरंधर खिलाड़ी

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 5:47 PM IST

Updated : Feb 9, 2024, 6:04 PM IST

Former MP Contest Lok Sabha
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति

Former MP Contest Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. सियासी गलियारों में अब खबर यह भी है कि एमपी में बीजेपी पुराने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को फिर चुनावी मैदान में उतार सकती है.

भोपाल। क्रिक्रेट और राजनीति में जब मुकाबला मुश्किल हो तो धुरंधर खिलाड़ी पहले मैदान में उतार दिए जाते हैं. एमपी में बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ये प्रयोग कर चुकी है, लेकिन अब लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि पार्टी उन्हीं धुरंधर खिलाड़ियों को फिर पवैलियन भेजकर नई पिच की चुनौती दे सकती है. कहा जा रहा है कि तीन केन्द्रीय मंत्रियों समेत सांसदी छोड़कर विधायक बने बीजेपी के नेता अब फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. चुनाव समिति से भेजी गई सूची में इनके नाम हैं. बताया ये जा रहा है कि अच्छा विकल्प ना मिलने की स्थिति में पार्टी इन मजबूत सीटों पर जमावट बिगाड़ेगी नहीं.

lok sabha election 2024
नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा स्पीकर

तोमर, प्रहलाद और राकेश फिर लड़ेंगे लोकसभा

माना जा रहा है कि नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह समेत रीति पाठक को भी फिर एक बार फिर लोकसभा के मैदान में उतारा जा सकता है. असल में देश में चार सौ पार और एमपी की 29 सीटों पर जीत का दम दिखा रही बीजेपी आम चुनाव के लिए इस कदर कमर कस चुकी है कि कांग्रेस जब मैदान में भी नहीं, तब सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी ने एमपी में बूथ तक पार्टी की पकड़ मजबूत करने गांव चलो अभियान शुरु कर दिया है. बीजेपी का टारगेट 29 सीटों पर जीत है. इसके लिए पार्टी किसी प्रयोग से पीछे नहीं हटेगी. बताया जा रहा कि उसी का हिस्सा ये रणनीति भी है, कि जहां सांसद से विधायक बनाए गए नेताओं की पकड़ मजबूत हो, वहां इन्हें ही दोबारा मौका दिया जाए.

Former MP Contest Lok Sabha
प्रहलाद पटेल कैबिनेट मंत्री

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मोदी की गारंटी में चेहरे कितने अहम

सवाल ये है कि जब पूरा चुनाव ही मोदी की गारंटी पर लड़ा जा रहा है, तो उसमें चेहरे कितनी अहमियत रखेंगे. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर का इस मामले में ये कहना है कि '2014 से देखिए तो हर चुनाव मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है. तो जीत की गारंटी तो बेशक मोदी ही हैं, फिर 2019 के एमपी के चुनाव नतीजे आप देखें. 2018 में प्रदेश में सत्ता पलट हो चुका था, लेकिन 2019 में 29 में से 28 सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. तो 2024 का चुनाव भी वैसा ही दिखाई दे रहा है. यानि उम्मीदवारों के चेहरे बहुत ज्यादा अहमियत नहीं रखेंगे, लेकिन बावजूद इसके बीजेपी जोखिम नहीं लेना चाहती. जहां उसे लग रहा है कि जमावट ठीक है. वहां संभव है कि पार्टी उम्मीदवार नहीं बदलेगी और विधायक बने सांसद फिर सांसदी के मैदान में होंगे.

Last Updated :Feb 9, 2024, 6:04 PM IST
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