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सरकारी गाड़ी का न मेरे पास स्टीयरिंग, न ही गियर और न ही मैं गाड़ी में सवार, सुख की सरकार में छलका MLA सुधीर का दुख

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 10:00 PM IST

Updated : Feb 7, 2024, 10:53 AM IST

सुख की सरकार में छलका एमएलए सुधीर का दुख
सुख की सरकार में छलका एमएलए सुधीर का दुख

MLA Sudhir Sharma Sorrow Spills Over Into Sukhu Government: हिमाचल प्रदेश की सुख की सरकार में इन दिनों कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा का दुख रह रह कर छलक रहा है. कभी वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुधीर शर्मा को सुक्खू सरकार की कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. जिसकी वजह से उनका दर्द उनके बयानों में छलकता है. पढ़िए पूरी खबर...

सुख की सरकार में छलका एमएलए सुधीर का दुख

शिमला: सुख की सरकार ने हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया, लेकिन अपने ही परिवार के कुछ सदस्यों सियासी का दुख रह रहकर छलक रहा है. वीरभद्र सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुधीर शर्मा इस मर्तबा एमएलए ही बनकर रह गए हैं. सुख की सरकार वाली गाड़ी में उनके हिस्से न तो फ्रंट रो यानी कतार की सीट आई और न ही कोई वीवीआईपी सीट. उन्हें केवल एमएलए बनकर ही रहना पड़ रहा है. झंडी वाली कार न मिलने से सुधीर शर्मा कई बार अधीर होकर अपने मन का दुख सार्वजनिक रूप से बयान कर दे रहे हैं. एक बार फिर से सुधीर ने अपनी पीड़ा को मीडिया के समक्ष शब्द दिए तो सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर चल निकला.

धर्मशाला में एक आयोजन में सुधीर शर्मा से भाजपा की तरफ से आए एक बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई. भाजपा नेता जेपी नड्डा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को बैक गियर की सरकार कहा था. इस पर मीडिया ने प्रतिक्रिया चाही तो जवाब में सुधीर बोले-देखिए, मैं तो केवल विधायक हूं, मेरे पास न गाड़ी का स्टेयरिंग, न ही गियर और न ही मैं गाड़ी में सवार हूं. इस कथन में सुधीर शर्मा की पीड़ा और उनकी अधीरता साफ नजर आ रही थी. ये पहला मौका नहीं है, जब उन्होंने अपनी अनदेखी को इस तरह से पेश किया हो. दरअसल, प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा को सुखविंदर सिंह सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है. कांगड़ा से केवल दो ही कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें से यादविंदर सिंह गोमा को तो एक साल बाद झंडी वाली कार मिली. सुधीर शर्मा पूर्व में शहरी विकास मंत्री रह चुके हैं. वीरभद्र सिंह सरकार के समय उनका रुतबा था. अब बदली हुई परिस्थितियों में वे केवल विधायक ही रह गए हैं. अनदेखी से नाराज सुधीर शर्मा कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.

सुधीर शर्मा का बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चा: अब सुधीर शर्मा का ताजा बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चित हो रहा है. हालांकि कुछ समय पूर्व सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में सुधीर शर्मा से मुलाकात कर खाई को पाटने का प्रयास किया, लेकिन ये आग है कि बुझ नहीं रही. उधर, सुजानपुर से राजेंद्र राणा की नाराजगी अलग ही तरह से चर्चाएं बटोर रही हैं. हाल ही में एक नेता के परिवार में विवाह समारोह में सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा आदि एकसाथ इकट्ठे हुए थे. तब भी सरकार से नाराजगी वाले नेताओं के एकसाथ दिखने पर तरह-तरह की बातें होने लगी थीं. उधर, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनसे कोई मंत्री नाराज नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में मोहब्बत और नाराजगी चलती रहती है.

कल्कि पीठाधीश्वर के पीएम को निमंत्रण वाले फोटो को भी किया शेयर: सुधीर शर्मा अपनी नाराजगी जताने का कोई अवसर छोड़ते नहीं हैं. कल्कि पीठाधीश्वर और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम के शिलान्यास का न्यौता लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे. प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और राम मंदिर निर्माण का श्रेय भी उन्हें दिया. सुधीर शर्मा ने चार दिन पहले आचार्य प्रमोद और पीएम मोदी की फोटो शेयर करते हुए लिखा-जय श्री कल्कि धाम. ऐसे समय में जब कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की एक्टीविटीज से कन्नी काट रहे हैं, सुधीर शर्मा का उनकी फोटो शेयर करना अपने आप ही काफी कुछ कहता है.

सुख की सरकार को नसीहत भी: एमएलए सुधीर शर्मा ने सालाना योजना बैठक में भी शिरकत नहीं की थी. सुधीर शर्मा ने कहा था कि जब राज्य के खजाने की सेहत ठीक नहीं है, उन्होंने यात्रा खर्च बचाने का फैसला लिया. सुधीर ने कहा कि वे अपनी प्राथमिकताएं ऑनलाइन योजना विभाग को भेज देंगे. वहीं, सुधीर शर्मा ने धर्मशाला में मीडिया से बातचीत में सरकार को जेओए आईटी का परिणाम निकालने की सलाह भी दी. भर्ती परीक्षाओं के रुके हुए रिजल्ट जल्द निकालने के लिए भी उन्होंने अपनी सरकार को नसीहत दी है. सुधीर शर्मा के इस सियासी व्यवहार से सत्ता व संगठन के गलियारे भी असहज हैं. देखना है कि आने वाले समय में सुधीर शर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है या नहीं. अभी भी एक मंत्री की सीट खाली है. ये भी सवाल है कि यदि सुधीर शर्मा को सरकार बनते ही मंत्री पद मिल जाता तो वे इसी तरह अपनी सरकार को घेरते? कहा जा सकता है कि सुधीर शर्मा इसलिए अधीर हैं कि उनकी अनदेखी हुई है.

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Last Updated :Feb 7, 2024, 10:53 AM IST
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