ETV Bharat / state

घर से 3 साल पहले निकले बड़े बेटे को लेने अपना घर आश्रम पहुंची मां, दूसरा बिछड़ा बेटा भी मिला

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 4:52 PM IST

अपना घर आश्रम में अपने बड़े बेटे को लेने पहुंची मां को उसका दूसरा बेटा भी मिल गया. 3 साल बाद मिला ये ​परिवार खुशी के साथ आश्रम से विदा किया गया.

missing sons met mother after 3 years
खोए बेटों से 3 साल बाद मिली मां

भरतपुर. बिहार के समस्तीपुर के गांव पुरुषोत्तमपुर से तीन साल पहले नंदकिशोर मानसिक स्थिति खराब होने की वजह से निकल गया था. एक साल बाद ही छोटा भाई दिलीप भी घर छोड़कर निकल गया. परिजनों ने दोनों को बहुत ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला. बुजुर्ग मां ने तो बेटों के मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी. लेकिन अचानक से बुजुर्ग मां शोभादेवी को सूचना मिली कि बड़ा बेटा नंदकिशोर अपना घर आश्रम में है. मां अपने बुढ़ापे की लाठी बड़े बेटा को लेने अपना घर आश्रम पहुंची और यहीं पर छोटा बेटा से भी मिलन हो गया. बुजुर्ग मां आंखों में खुशी के आंसू लिए अपने दोनों बेटों के साथ खुशी खुशी विदा हुई.

मां शोभादेवी ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं, जिनमें से बड़ा बेटा नंदकिशोर वर्ष 2021 में मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण और दिलीप घरेलू विवाद होने के कारण वर्ष 2022 में घर से निकल गए थे. दोनों को काफी ढूंढ़ा, लेकिन कहीं पता नहीं चला. हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि अब दोनों बेटे कभी मिलेंगे. शोभादेवी के पति का काफी समय पहले निधन हो गया था. शोभादेवी ने मजदूरी कर तीनों बेटों को पाला था. तीसरा सबसे छोटा बेटा मां से अलग रहता है.

पढ़ें: Rajasthan : भरतपुर के अपना घर आश्रम में 25 साल बाद हुआ भाई-बहन का मिलन, इस बार राखी से सजेगी भाई की कलाई

ऐसे पहुंचे आश्रम: अपना घर आश्रम समिति अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि प्रभुजी नंदकिशोर को उत्तराखंड के शुक्रताल से वर्ष 2021 में मानसिक विमंदित स्थिति में और प्रभुजी दिलीप को पंजाब के अमृतसर से वर्ष 2022 में अपना घर आश्रम में भर्ती कराया गया. दोनों भाइयों की शादी हो चुकी है और दोनों के एक-एक बेटा है. नंदकिशोर का बेटा 15 साल एवं दिलीप का बेटा 13 साल का है. दोनों की पत्नियां मेहनत-मजदूरी करके बच्चों का पालन-पोषण करती हैं.

पढ़ें: भरतपुर के 'अपना घर आश्रम' में 15 साल बाद हुआ मां-बेटे का मिलन, बिहार से रजनी को लेने पहुंचा परिवार

बबीता गुलाटी ने बताया कि उपचार के दौरान नन्दकिशोर ने अपना पता बताया जिस पर अपना घर की पुर्नवास टीम द्वारा बिहार के जिला समस्तीपुर के थाना कल्याणपुर में सूचना दी गई. पुलिस ने गांव के प्रधान को जानकारी दी, तब प्रधान ने प्रभुजी नंदकिशोर की मां को उनके बेटा के सकुशल होने की सूचना दी.

पढ़ें: अपना घर आश्रम पूरा करेगा राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में कैडेवर की कमी, हर महीने दे सकता है 400 डेडबॉडी

एक बेटा लेने आईं, दोनों मिले: शनिवार को मां शोभा देवी अपनी बहन के साथ बड़े बेटे नंदकिशोर को लेने अपना घर आश्रम पहुंची. लेकिन यहां शोभा देवी ने बताया कि मेरा एक और बेटा जिसका नाम दिलीप है, वो भी लापता है. इस पर पुनर्वास टीम ने कम्प्यूटर पर सभी रिकार्ड देखा कि शायद दूसरा बेटा भी मिल जाए और जब टीम ने देखा तो ऐसा ही हुआ. फिर टीम ने शोभा देवी को बताया कि आपका दूसरा बेटा दिलीप भी आश्रम में ही आवासरत है. तो उन्होंने उसे भी पहचान लिया और दोनों बेटों को पाकर मां शोभादेवी और मौसी मंतुलिया देवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

एक ही आश्रम में फिर भी नहीं मिल सके: प्रभुजी नंदकिशोर वर्ष 2021 से और दिलीप वर्ष 2022 से अपना घर आश्रम में ही रह रहे थे. लेकिन आश्रम इतना बड़ा है कि दोनों भाई एक ही आश्रम में रहने के बावजूद नहीं मिल सके. दोनों भाई दो बीमारियों के चलते अलग-अलग भवनों में रह रहे थे. जिसकी वजह से मिलन नहीं हो सका. लेकिन शनिवार को दोनों भाई, मां और मौसी का एक साथ मिलन हो गया. आश्रम परिवार ने सभी को खुशी खुशी घर के लिए विदा किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.