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मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड का आखिरी दिन, जांच में सहयोग नहीं कर रहे मंत्री - Tender commission Scam

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 26, 2024, 11:04 AM IST

Minister Alamgir Alam ED remand. मंत्री आलमगीर आलम का ईडी रिमांड का आखिरी दिन है. रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंत्री ईडी को जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

Minister Alamgir Alam ED remand
मंत्री आलमगीर आलम और ईडी ऑफिस (ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार किया था, तब से वह ईडी की रिमांड पर हैं. उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है, लेकिन खबर है कि मंत्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को सोमवार सुबह पांच दिनों की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद विशेष ईडी कोर्ट में पेश किया जायेगा. सूत्रों का कहना है कि मंत्री आलमगीर आलम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. एजेंसी कोर्ट से उसकी रिमांड की मांग कर सकती है.

मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के अधिकारी पिछले 10 दिनों से मंत्री आलमगीर आलम से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. मंत्री आलमगीर आलम के समक्ष कई दस्तावेज भी रखे गये हैं, जिससे टेंडर घोटाले में उनकी भूमिका पूरी तरह स्पष्ट हो गयी है. दस्तावेजों के आधार पर ही मंत्री से पूछताछ की जा रही है.

15 मई को आलमगीर को किया गया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि टेंडर घोटाले में पूछताछ के बाद 15 मई की शाम आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जांच में खुलासा किया था कि 6, 7 और 8 मई को छापेमारी के दौरान कुल 37.5 करोड़ रुपये मिले थे. जिसमें से 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के नौकर जहांगीर के पास से बरामद हुए थे.

ईडी ने कहा है कि जहांगीर के फ्लैट सर सैयद रेजीडेंसी, 1ए से बरामद 32.20 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के हैं. यह पैसा जहांगीर आलम ने संजीव लाल के कहने पर मंत्री आलमगीर आलम के लिए अलग-अलग जगहों से उठाया था.

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि फ्लैट से नकदी के अलावा भारी मात्रा में आधिकारिक लेटरहेड, पत्र और सरकारी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. ईडी ने बताया है कि इस फ्लैट का इस्तेमाल संजीव लाल ने मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ी चीजें रखने के लिए किया था.

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि संजीव लाल मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर कमीशन की रकम वसूलते थे और ठेकों को मैनेज करने में उनकी भूमिका सबसे अहम थी. ठेका मैनेज होने के बाद तय कमीशन की रकम इंजीनियरों के माध्यम से सभी विभागीय लोगों को भेजी जाती थी.

पूरा विभाग भी है नेक्सस का हिस्सा

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि पूरा ग्रामीण विकास विभाग इस सांठगांठ का हिस्सा है. विभाग में निचले से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक को कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट से फायदा हुआ है. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि अब तक की जांच में कई ऐसे तथ्य मिले हैं, जिनसे इस बात की पुष्टि हुई है कि जिस व्यक्ति ने ठेकों में बड़ी भूमिका निभाई, उसे कमीशन में उतना ही हिस्सा मिला. ईडी के मुताबिक आलमगीर आलम पूरे मनी लॉन्ड्रिंग में सबसे अहम और मुख्य कड़ी साबित हुए हैं.

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