हजारीबाग: इन दिनों पूरे जिले में बालू खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है. स्थिति यह है कि बालू की कीमत भी क्षेत्रफल के हिसाब से तय की जा रही है. शायद ही कोई ऐसा मुहल्ला या गली हो जहां गिरी हुई रेत नजर न आती हो. इससे साफ है कि बालू का खेल बदस्तूर जारी है. आम जनता से बालू की दोगुनी व तिगुनी कीमत वसूली जा रही है. जिला प्रशासन ने 18 मार्च की रात बड़कागांव में छापेमारी कर 20 हजार घनफीट बालू जब्त भी किया था. जो इस बात का संकेत दे रहा है कि जिले में बालू खनन का कारोबार खूब फल-फूल रहा है.
प्रशासन ने की छापेमारी
18 मार्च को मिली गुप्त सूचना के आधार पर हजारीबाग जिला प्रशासन ने रात साढ़े 10 बजे बड़कागांव थाना क्षेत्र के नयाटांड़ में मेसर्स सूर्या स्टॉक यार्ड के प्रो कार्तिक प्रसाद के बालू स्टॉक यार्ड को जब्त कर लिया. यह छापेमारी जिला खनन पदाधिकारी ने बड़कागांव थाना पुलिस के साथ की. छापेमारी के दौरान पाया गया कि कार्तिक प्रसाद ने बिना ई-परिवहन चालान के स्थानीय नदियों से बालू का उत्खनन और भंडारण किया था. जेसीबी के माध्यम से हाइवा पर बालू लोड किया जा रहा था. जांच टीम की नजर पड़ते ही कार्तिक प्रसाद के लोडिंग वाहन और जेसीबी को मौके से भगा दिया गया. इसी क्रम में छापेमारी टीम ने मौके से कार्तिक प्रसाद को गिरफ्तार कर थाने को सौंप दिया. वहीं अवैध रूप से भंडारित 20,000 घनफीट बालू मौके पर ही जब्त कर लिया गया.
बालू स्टॉक यार्ड मालिक कार्तिक प्रसाद के विरुद्ध खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 4/21, झारखंड लघु खनिज अनुदान नियमावली 2004 यथा संशोधित नियम 54, नियम 9, 13 एवं आईपीसी की अन्य सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. सरकारी संपत्ति की चोरी एवं खनन राजस्व की क्षति के अपराध में भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
प्रति ट्रैक्टर 6000 रुपए तक बिक रहा बालू
हजारीबाग के कटकमदाग क्षेत्र के सुल्तान में प्रति ट्रैक्टर 5000, सलगावा में 4800, शिव दयाल नगर में 5200, कदमा में 4900, बाटम बाजार में 5500, ओकनी में 5500, मार्खम कॉलेज में 5000, मेन रोड जादोबाबू चौक में रात में 5500 से लेकर ₹6000 तक प्रति ट्रैक्टर बालू बिक रहा है. देर रात तक बालू को गंतव्य स्थान पर गिराया जा रहा है. ढहने से पहले संबंधित थाने को भी सूचना दी जाती है ताकि गश्ती वाहन उस क्षेत्र में न रहे. बालू तस्करी में शामिल लोग देर रात मोटरसाइकिल से घूमते रहते हैं. इसकी जानकारी ट्रैक्टर चालक को दी जाती है. फिर ट्रैक्टर चालक निर्धारित समय पर बालू गिरा देता है. बालू तस्करी में एक बड़ा नेटवर्क लगा हुआ है. हजारीबाग जिले से ही हर महीने करोड़ों रुपये की बालू की चोरी हो रही है.
बालू व्यवसायियों का यह भी कहना है कि सरकार ने अभी तक घाट की नीलामी नहीं की है. यही कारण है कि रेत दोगुने से भी अधिक दाम पर बिक रही है. विकास योजना के लिए बालू सबसे महत्वपूर्ण है. लेकिन सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण रेत की तस्करी हो रही है.
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