ETV Bharat / state

माघ मेले में दिख रहा 'बाबाओं का रंग', कांटे वाले बाबा बने आकर्षण का केंद्र, 37 वर्षों से लेटे हैं कांटों पर

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 7:49 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

प्रयागराज के माघ मेले में कांटे वाले बाबा (baba lying on thorns) आकर्षण का केंद्र बने हैं. यह बाबा 37 सालों से कांटों पर लेटे हुए हैं. बाबा का कहना है कि देश की सुख और समृद्धि के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है.

माघ मेले में कांटे वाले बाबा आकर्षण का केंद्र

प्रयागराज: संगम की रेती पर लगे सबसे बड़े धार्मिक मेले में अब बाबाओं के रंग भी देखने को मिल रहे हैं. मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर कांटे वाले बाबा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. मध्य प्रदेश से आए 'कांटे वाले बाबा' श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. कांटे वाले बाबा का कहना है कि वह पिछले 37 सालों से नुकीले कांटों के साथ ही अपनी जिंदगी जी रहे हैं. देश प्रदेश में सुख-शांति बनी रहे, इसलिए बाबा ने यह प्रण लिया है. हाथों में डमरु बजाकर बाबा श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी और केंद्रित करते हैं. श्रद्धालु कांटे वाले बाबा को देखकर आश्चर्यचकित है.

सूखे नुकीले काटों के बीच में बाबा लेटे हुए हैं और इसी मुद्रा में वह अपने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहे हैं. शाहजहांपुर से आए श्रद्धालु का कहना है कि उन्होंने पहली बार कांटे वाले बाबा को साक्षात्कार देखा है. हालांकि, इससे पहले कई बार सुना था कि कोई कांटे वाले बाबा भी संगम के तट पर आते हैं जो कांटो पर ही विराजमान रहते हैं. ऐसे में नुकीले कांटों के बीच में बाबा को देखकर फोटो और सेल्फी लेने वालों की होड़ लग गई है.

इसे भी पढ़े-मौनी अमावस्या 2024; इटली से आईं महिला पर्यटकों ने लगाई आस्था की डुबकी, यूपी पुलिस को बोला Thank U So Much

कांटे वाले बाबा ने बताया कि जहां-जहां कुंभ का मेला लगता है, वहां वह जरूर जाते हैं. साथ ही साथ पूरे देश में इसी तरह भ्रमण करते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि वह हैरत में है कि इतने नुकीली कांटों के बीच में बाबा ने 37 साल कैसे गुजार दिए. भारी संख्या में श्रद्धालु काटे बाबा को देखने के लिए आ रहे हैं और उनसे आशीर्वाद ले रहे हैं.

मध्य प्रदेश से आए कांटे वाले बाबा उर्फ रमेश मांझी का कहना है कि नुकीले काटे तो उनको चुभते हैं. लेकिन, अब उनको आदत हो गई है. जब वह तपस्वी बन रहे थे, तब उनके गुरु ने कहा था कि कोई ऐसा कार्य करो जिसे करने में तुम असंभव महसूस करो. उसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने प्रण लिया कि वह कांटों के बीच में रहकर अपनी पूरी जिंदगी बिताएंगे. 1987 से लेकर अभी तक वह कांटो पर ही अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.

यह भी पढ़े-माघ मेला में एक ऐसा भी बैंक; अमेरिका की सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोनल 20 सालों से जमा कर हीं राम नाम की पूंजी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.