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'जहां तारों की होती थी गणना इसलिए नाम पड़ा तारेगना', मसौढ़ी में मनाया गया आर्यभट्ट महोत्सव

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 6, 2024, 6:17 PM IST

Aarybhatt Mahotasav 2024: पटना के मसौढ़ी अनुमंडल में जिला प्रशासन द्वारा आर्यभट्ट महोत्सव का आयोजन किया गया. जहां सैकड़ो स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान सांसद रामकृपाल यादव भी आयोजन में शामिल रहे.

Aarybhatt Mahotasav 2024
मसौढ़ी अनुमंडल प्रशासन ने मनाया आर्यभट्ट महोत्सव

पटना: राजधानी पटने के मसौढ़ी में अनुमंडल प्रशासन द्वारा महान खगोलविद् आर्यभट्ट की कर्म भूमि रही तारेगना के इतिहास को जीवंत रखने के लिए आर्यभट्ट महोत्सव मनाया गया. यह महोत्सव मसौढ़ी के गांधी मैदान में अनुमंडल प्रशासन और खेल संस्कृति एवं कला विभाग द्वारा मनाया गया. जहां पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव, मसौढ़ी एसडीएम प्रीति कुमारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

सांसद रामकृपाल यादव रहे मौजद: उद्घाटन के दौरान सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि यहां कभी तारों की गणना होती थी, इसलिए इस जगह का नाम तारेगना पड़ा है. यह खगोलवित आर्यभट्ट की कर्म भूमि रही है. जहां वह अपने शिष्यों के साथ रहकर वेधशाला बनाते थे. इसकी ख्याति को देखते हुए 22 जुलाई 2019 को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां पर सूर्य ग्रहण देखा था और उस वक्त देश दुनिया भर के 136 खगोलविद वैज्ञानिक पहुंचे थे.

तारेगना में रहते थे आर्यभट्ट: वहीं एसडीएम प्रीति कुमारी ने कहा कि आर्यभट्ट जी की खोज पर आज हम लोग गौरवशाली हैं. हम लोगों को गर्व है कि आर्यभट्ट तारेगना में ही रहते थे. वहीं, इस मौके पर भूमि सुधार उपसमाहर्ता अमित कुमार ने कहा कि देश दुनिया में जितनी भी खोज हो रही है, वह उनके द्वारा की गई खोज है.

465 छात्र-छात्राओं ने लिया भाग: वहीं, इस मौके पर कई स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आर्यभट्ट से संबंधित स्पीच चित्रांकन प्रतियोगिता किया गया. जिसमें शामिल सभी प्रतिभागियों को एसडीएम प्रीति कुमारी द्वारा पुरस्कार दिया गया. इस दौरान तकरीबन 465 छात्र-छात्राएं इस पूरे कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे.

"युवा खेल मंत्रालय द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशन पर मसौढ़ी के गांधी मैदान में आर्यभट्ट महोत्सव का आयोजन किया गया है. ताकि आर्यभट्ट के इतिहास को जीवंत रखा जा सके. यहां कभी तारों की गणना होती थी, इसलिए इस जगह का नाम तारेगना पड़ा था." - रामकृपाल यादव, सांसद, पाटलिपुत्रा

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