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झारखंड नक्सली मुठभेड़ में शहीद जवान सिकंदर सिंह का गया में अंतिम संस्कार, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 8, 2024, 9:45 PM IST

शहीद जवान सिकंदर सिंह
शहीद जवान सिकंदर सिंह

झारखंड के चतरा में नक्सली और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इनमें बिहार के गया जिले का सिकंदर सिंह भी शामलि थे. सिकंदर सिंह के शहीद होने की खबर मिलने के बाद कल से कई घरों में चुल्हा नहीं जला था. आज शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा. पढ़ें, पूरी खबर.

शहीद जवान सिकंदर सिंह को नम आंखों से दी विदाई.

गया: झारखंड में शहीद हुए जवान सिकंदर सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को पैतृक गांव गया के वजीरगंज पहुंचा. गया के वजीरगंज प्रखंड अंतर्गत खिरियावा गांव पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद सिकंदर सिंह अमर रहे से गूंज उठा. सिकंदर सिंह झारखंड पुलिस में 2022 के सिपाही थे. बुधवार को झारखंड के चतरा में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में वो शहीद हो गये थे. शहादत की खबर मिलने के बाद खिरियावा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा था.

शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.
शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.

अंतिम विदाई के दौरान लोगों की आंखें थी नम: शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही गांव में मातम का माहौल पसर गया. शहीद जवान की पत्नी उनके पार्थिव शरीर से लिपटकर रो रही थी. पुत्र करण कुमार और पुत्री रिया कुमारी भी बिलख बिलख कर रो रहे थे. खिरियावां गांव में पार्थिव शरीर लाए जाने के बाद उन्हें अंतिम सलामी दी गई. इस मौके पर एसडीपीओ वजीरगंज सतीश कुमार समेत कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. उसके बाद गांव के ही शमशान घाट पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम विदाई के दौरान लोगों की आंखें नम थी.

रोते बिलखते परिजन.
रोते बिलखते परिजन.



नक्सलियों के खिलाफ अभियान से लौट रहे थेः सिकंदर सिंह बुधवार को झारखंड पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से चतरा नगर थाना लौट रहे थे. बैरिया जंगल के समीप नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया. नक्सलियों के साथ काफी देर तक मुठभेड़ चली. इस दौरान दो सिपाहियों को गोली लगी. जिसमें गया जिले के वजीरगंज के खिरियावा गांव के रहने वाले सिकंदर सिंह भी शामिल थे. सिकंदर सिंह समेत दो सिपाही शहीद हो गए थे. वहीं कई अन्य को भी गोलियां लगी थी.

गमगीन लोग.
गमगीन लोग.


गांव वालों के लिए थे प्रेरणा स्रोतः गांव के अनिरुद्ध सिंह बताते हैं कि सिकंदर सिंह चार भाई थे. सभी भाइयों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहे. सभी को बेहतर मुकाम दिलाया. जब सिकंदर सिंह की नौकरी हुई थी तो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. सिकंदर ने अपने भाइयों को आगे बढ़ाया. गांव के लिए प्रेरणा स्रोत थे. इन्हीं के प्रेरणा से आज बड़ी संख्या में यहां के युवक पुलिस और सेना में भर्ती हो रहे हैं.

शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.
शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.



नक्सली-आतंकियों का हो खात्माः शहीद जवान सिकंदर सिंह की पुत्री रिया कुमारी बिलख-बिलख कर रो रही थी. इस दौरान वह रो रो कर मांग करती रही कि जितने नक्सली और आतंकी हैं, उनका खात्मा हो. रिया ने कहा कि वह आईएएस बनना चाहती है.

शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.
शहीद को श्रद्धांजलि देती पुलिस.

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