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संतकबीरनगर के चकबंदी अधिकारी किए गए बर्खास्त, जानिए क्यों हुई कार्रवाई

भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत चकबंदी विभाग (Consolidation officer of Sant Kabir Nagar dismissed) के भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति कठोर कार्रवाई का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चकबंदी विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 7:03 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चकबंदी विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है. चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि चकबंदी अधिकारी संतकबीरनगर प्रभाकर को गलत आदेश के चलते सेवा से मुक्त करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी प्रभाकर ने तत्कालीन चकबंदी अधिकारी मेरठ में रहते हुए ग्राम-बिसौला में उप जिलाधिकारी का आदेश निरस्त कर राज्य सरकार की भूमि को निजी काश्तकारों को व ग्राम फिरोजपुर में आदेश पारित कर ग्रामसभा की नाला एवं वन विभाग की भूमि निजी व्यक्तियों को दे दिया था.


जांच समिति की संस्तुति : चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम-बिसौला, परगना हस्तिनापुर, तहसील-मवाना, जिला-मेरठ एवं ग्राम फिरोजपुर, परगना किठौर, तहसील- मवाना, जिला-मेरठ में चकबंदी के अंतर्गत हुई अनियमितताओं की जांच समिति गठित कर कराई गई थी. जांच समिति की संस्तुति के अनुसार, ग्राम बिसौला व फिरोजपुर में चकबंदी के अंतर्गत अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने एवं ग्रामसभा की ऐसी भूमि, जिस पर चकबंदी अधिकारी द्वारा निजी व्यक्तियों को मालिकाना हक प्रदान किया गया है, जबकि उन्हें प्रारम्भिक स्तर से कोई स्वत्वाधिकार प्राप्त नहीं था.

वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुई कार्रवाई : चकबन्दी आयुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक चकबंदी विभाग में कुल 22 चकबंदी प्राधिकारियों को निलम्बित किया गया है, वहीं, 4 चकबंदी अधिकारी को सेवा से मुक्त करते हुए बर्खास्त किया गया है. इसके साथ ही 1 चकबन्दी अधिकारी को उसके मूल पद पर प्रत्यावर्तित करते हुए 40 अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जा चुकी है.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चकबंदी विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है. चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि चकबंदी अधिकारी संतकबीरनगर प्रभाकर को गलत आदेश के चलते सेवा से मुक्त करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी प्रभाकर ने तत्कालीन चकबंदी अधिकारी मेरठ में रहते हुए ग्राम-बिसौला में उप जिलाधिकारी का आदेश निरस्त कर राज्य सरकार की भूमि को निजी काश्तकारों को व ग्राम फिरोजपुर में आदेश पारित कर ग्रामसभा की नाला एवं वन विभाग की भूमि निजी व्यक्तियों को दे दिया था.


जांच समिति की संस्तुति : चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम-बिसौला, परगना हस्तिनापुर, तहसील-मवाना, जिला-मेरठ एवं ग्राम फिरोजपुर, परगना किठौर, तहसील- मवाना, जिला-मेरठ में चकबंदी के अंतर्गत हुई अनियमितताओं की जांच समिति गठित कर कराई गई थी. जांच समिति की संस्तुति के अनुसार, ग्राम बिसौला व फिरोजपुर में चकबंदी के अंतर्गत अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने एवं ग्रामसभा की ऐसी भूमि, जिस पर चकबंदी अधिकारी द्वारा निजी व्यक्तियों को मालिकाना हक प्रदान किया गया है, जबकि उन्हें प्रारम्भिक स्तर से कोई स्वत्वाधिकार प्राप्त नहीं था.

वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुई कार्रवाई : चकबन्दी आयुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक चकबंदी विभाग में कुल 22 चकबंदी प्राधिकारियों को निलम्बित किया गया है, वहीं, 4 चकबंदी अधिकारी को सेवा से मुक्त करते हुए बर्खास्त किया गया है. इसके साथ ही 1 चकबन्दी अधिकारी को उसके मूल पद पर प्रत्यावर्तित करते हुए 40 अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जा चुकी है.

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