जयपुर. राजस्थान में लोकसभा की सीटों पर 10 साल से जारी जीत का सूखा खत्म करने में कांग्रेस जुटी हुई है. इसी क्रम में पार्टी के नेता विधानसभा चुनाव से पहले बागी हुए नेताओं को मनाने में जुटे हुए हैं. दरअसल, विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से पार्टी के कई नेताओं ने बागी होकर चुनाव लड़ा था. इस पर पार्टी नेतृत्व ने कार्रवाई करते हुए ऐसे बागियों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था. अब लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे नेताओं को वापस पार्टी से जोड़ा जा रहा है.
अजमेर जिले की मसूदा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले वाजिद खान चीता और पुष्कर से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक गोपाल बाहेती आज फिर से कांग्रेस में शामिल हुए. प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री रघु शर्मा, आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ सहित अन्य नेताओं ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया.
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चीता को मिले थे 30 हजार वोट : कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वाजिद खान चीता ने कांग्रेस से बागी होकर मसूदा से 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्हें करीब 30 हजार वोट मिले थे. इसी तरह गोपाल बाहेती भी पुष्कर से टिकट मांग रहे थे. टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा था. इसके बाद पार्टी ने दोनों को छह साल के लिए निलंबित किया गया. अब दोनों का निलंबन खत्म करते हुए वापस पार्टी में शामिल किया गया है.
इससे पहले शनिवार रात को भी कई लोगों की कांग्रेस में वापसी करवाई गई थी. इनमें भरतपुर की कामां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले मुख्त्यार अहमद, बीकानेर की लूणकरणसर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल और श्रीगंगानगर के सादुलशहर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले ओम बिश्नोई और जालोर की पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल की कांग्रेस में वापसी हुई थी.