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मोदी और मुसलमान आज साथ-साथ तरक्की और तालीम के रास्ते पर बढ़ रहे: दानिश आजाद - lok sabha election 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 6:04 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तीसरे चरण का भी मतदान (lok sabha election 2024) हो रहा है. इसके अलावा प्रत्याशी अपनी-अपनी लोकसभा सीट पर जनसभा कर रहे हैं. चुनाव व अन्य मुद्दों को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी से खास बातचीत की गई.

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अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी से खास बातचीत (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

लखनऊ : प्रदेश में लोकसभा चुनावों की गहमागहमी चरम पर है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी देश में एनडीए गठबंधन के लिए 400 से ज्यादा सीटें चाहती है. वहीं, उत्तर प्रदेश में भाजपा सभी सीटें जीतने का दावा करती है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि प्रदेश की 20 फीसद से ज्यादा मुस्लिम आबादी भाजपा को पसंद नहीं करती. जीत के लिए अन्य जातीय समीकरण साधने भी जरूरी होते हैं. ऐसे में भाजपा अपने दावों को हकीकत में कैसे बदल पाएगी? यह जानने के लिए हमने बात की योगी मंत्रिमंडल के सबसे युवा नेता, जिन्हें मोहसिन रजा की जगह योगी-2.0 में अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मामलों का राज्यमंत्री बनाया गया है.

प्रश्न : इस समय लोकसभा के चुनाव पूरी रौ में हैं. आप किस प्रकार चुनाव कर रहे हैं और किन सीटों पर आपकी मांग अधिक है?

उत्तर : भाजपा का हर कार्यकर्ता समाज की सेवा का लक्ष्य लेकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम करता है. लोगों की तरक्की और उनके उत्थान से जुड़े मुद्दों पर हम काम करते आए हैं. हम प्रदेश की लगभग सभी 80 सीटों पर जीत रहे हैं. वोटर्स से हम संवाद कर रहे हैं. इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं की भी चर्चा की जा रही है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों का प्यार और विश्वास एक अनोखी बात है.


प्रश्न : आप युवा नेता हैं. वरिष्ठ नेताओं की जगह आपको मंत्री बनाया गया. आप पर इस चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी है कि उस वर्ग का वोट भाजपा को दिलाएं, जिसका पार्टी को कभी समर्थन नहीं मिला.

उत्तर : आप 2014 के बाद का चुनावों का पैटर्न देखिए. मुस्लिमों में भाजपा के प्रति एक सकारात्मक भाव देखने को मिल रहा है. खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि देश का कोई प्रधानमंत्री खुले मंच से मुसलमानों की तरक्की की बात करता हो. मुसलमानों के वोट के सहारे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सत्ता का सुख हासिल किया, लेकिन उनके हित में काम नहीं किए. मोदी जी ने ईमानदारी से मुसलमानों को विकास से जोड़ने का काम किया है. उनकी तालीम की दिशा में कदम उठाए हैं.


प्रश्न : आप मानेंगे कि एक वर्ग बहुत कट्टर है, जो भाजपा को पसंद नहीं करता है. जब आप चुनाव में प्रचार के लिए जाते हैं, तो वहां किस तरह की चुनौतियों और सवालों का सामना करना पड़ता है?

उत्तर : देखिए चुनौती कोई नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी को लेकर लोगों के मन में एक स्वीकार्यता है. मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि जनता और मुस्लिम मतदाताओं के मन में सवाल होते हैं. उन्हीं सवालों का सामना करने के लिए हम लोग जनता के बीच में जाते हैं. हमें जो दायित्व दिया गया है, जनता के उत्थान के लिए हम वह निभाते हैं. लोगों के सवालों के जवाब देते हैं और उन्हें संतुष्ट भी करते हैं. आज मुसलमानों के मुद्दे बदल चुके हैं. आज के मुस्लिम युवा तालीम, तरक्की और रोजगार की बात करते हैं.



प्रश्न : कहा जाता है कि मुस्लिम महिलाएं भले ही मुखर होकर भाजपा के साथ न हों, लेकिन तीन तलाक कानून को लेकर उनमें खुशी है और वह भाजपा के लिए वोट भी करती हैं. क्या आप यह मानते हैं?

उत्तर : निश्चित तौर पर आज हमारी जो मुस्लिम बहने हैं, जो काम हुआ है उनके लिए वह उसे समझती हैं. तीन तलाक से निजात दिलाने के अलावा हमने उनको स्किल डेवलपमेंट से जोड़ा. उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए जरूरी कदम उठाए. यदि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो जब तक हम उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं करेंगे, तब तक हमारी बहनें सशक्त नहीं हो सकतीं. मुस्लिम समाज की एक खासियत है कि उनके हाथ में कोई न कोई हुनर जरूर होता है. हम उसे ही निखार कर रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं.


प्रश्न : आपके दावे अपनी जगह हैं, लेकिन भाजपा का कहना है कि इस बार सत्ता में आए, तो समान नागरिक संहिता का कानून लागू करेंगे. इसे लेकर भी क्या मुसलमानों में असुरक्षा और भय का माहौल है?

उत्तर : इससे भय या असुरक्षा का माहौल मुसलमानों में नहीं है. हां, वह नेता और पार्टियां जरूर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जो मुसलमानों के दम पर अपनी राजनीति चमकाते हैं. मुसलमान आज विकास की बात को स्वीकार कर रहे हैं. मुसलमानों को गुमराह करने वालों को अब सुधर जाना चाहिए. मोदी और मुसलमान आज साथ-साथ तरक्की और तालीम की ओर बढ़ रहा है. 2022 में आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा का उप चुनाव हुआ. यदि पचास फीसद से ज्यादा मुस्लिम आबादी होने के बावजूद भाजपा जीत रही है, तो इसका साफ मतलब है कि मुसलमानों ने भाजपा को वोट दिया है.


प्रश्न : कुछ लोग यह भय फैला रहे हैं कि सरकार मदरसों को बंद करने जा रही है. इस बात में कितना दम है?

उत्तर : अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारी योगी-मोदी सरकार कतई मदरसों को बंद नहीं करना चाहती है. न की कभी मदरसों को बंद किया जाएगा.


प्रश्न : आपकी सरकार की ऐसी कौन सी योजनाएं हैं, जो वाकई अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी हैं और जिनसे प्रभावित होकर लोग भाजपा के पक्ष में आएंगे?

उत्तर : हमारी सरकार का हर काम अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए है. हमने मदरसों को बेहतर बनाया. दीनी तालीम के साथ उसमें एनसीईआरटी का कोर्स भी लागू किया. आधुनिक शिक्षा भी लागू की. मदरसों में गणित, विज्ञान और कंप्यूटर की शिक्षा भी अनिवार्य की. पहली बार किसी बोर्ड में हुआ कि मदरसों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कराई जा रही है. हमें मूल मुद्दों से भटकाया गया. एक मुस्लिम नौजवान होने के कारण मेरे अंदर एक बहुत पीड़ा है. सपा और कांग्रेस ने हमेशा हमारा इस्तेमाल किया. हमारा वोट लेकर कुछ तो हमारी तालीम के लिए करते. हमने हज की प्रक्रिया को सरल और सस्ता बनाया. हमने कभी भी मुसलमानों को वोट लेने के नजरिए से नहीं देखा. हमारा एजेंडा कभी भी नहीं है कि हम आपके लिए काम कर रहे हैं, तो आप हमें वोट दो. हमारी जिम्मेदारी है मुसलमानों के लिए काम करना.

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