नवादा में बूथ संख्या 328 पर नहीं पड़ा एक भी वोट, आखिर क्यों नाराज हुए मतदाता? - ELECTION BOYCOTT IN NAWADA

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 19, 2024, 2:10 PM IST

मतदाताओं के इंतजार में अधिकारी

NAWADA LOK SABHA SEAT: 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग को लेकर जहां लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है वहीं नवादा में एक बूथ ऐसा भी देखने को मिला जहां एक भी मतदाता मतदान के लिए नहीं पहुंचा. बताया जाता है कि बूथ ट्रांसफर होने से नाराज लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया, पढ़िये पूरी खबर,

'कोई भी वोट डालने नहीं आया'

नवादाः लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है और 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग जारी है. नवादा लोकसभा सीट भी पर वोटिंग चल रही है और लोग बड़े उत्साह के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन जिले के कौआकोल प्रखंड के बूथ संख्या-328 पर एक भी मतदाता अपना वोट डालने नहीं पहुंचा. बूथ ट्रांसफर होने के बाद नाराज लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया जिसके कारण बूथ मतदाताओं से सूना नजर आया.

मतदान अधिकारी ने बहिष्कार की पुष्टि कीः नवादा लोकसभा सीट के अंतर्गत गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़नेवाले कौआकोल प्रखंड के बूथ संख्या-328 पर कोी भी मतदाता मतदान करने नहीं पहुंचा. इस बूथ के पीठासीन अधिकारी राज कुमार प्रसाद सिन्हा ने भी किसी मतदाता के मतदान नहीं करने की पुष्टि की. यहां तक कि इस बूथ पर किसी भी दल का कोई पोलिंग एजेंट भी नहीं पहुंचा.

बूथ संख्या -328 पर कितने मतदाता ? : इस बूथ के पीठासीन अधिकारी ने बताया कि " इस बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या 762 है, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 391 और महिला मतदाताओं की संख्या 371 है. लेकिन इस बूथ पर कोई भी मतदाता अपना वोट डालने नहीं पहुंचा जबकि पास में ही बने बूथ पर लोग वोटिंग कर रहे हैं."

बूथ ट्रांसफर होने से लोग नाराजः मिल रही जानकारी के मुताबिक दनियां गांव के मतदाताओं का बूथ उनके गांव में ही प्राथमिक विद्यालय दनियां में है, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन उसे बार-बार स्थानांतरित कर उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचम्बा कर देता है.ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में जाने के लिए सड़क मार्ग का साधन नहीं है. जिससे उन्हें बूथ तक पहुंचने में परेशानी होती है.

सड़क निर्माण की मांग भी अधूरीः गांववालों की मानें तो इस बूथ तक पहुंचने के लिए मेन रोड से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है वहीं जंगली मार्ग से करीब सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. ऐसे में ग्रामीण लगातार सड़क निर्मीण की भी मांग करते रहे हैं. लेकिन आज तक उनलोगों के गांव तक जाने के लिए सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. एक तो सड़क नहीं ऊपर से बूथ ट्रांसफर, लोगों ने वोटिंग का ही बहिष्कार कर दिया.

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