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सपा नेता रामटेक कटारिया की हत्या में छह आरोपियों को आजीवन कारावास - Ramtek Kataria murder case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 29, 2024, 6:39 PM IST

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Ramtek Kataria murder case: 5 साल पहले हुए आपसी रंजिश में सपा नेता रामटेक कटारिया की हत्या में सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. इसमें कोर्ट ने 6 आरोपियों को आजीवन कारावास और तीन आरोपियों को बरी कर दिया.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः 2019 में दादरी थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव में सपा नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के मामले में अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया है. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय रणविजय प्रताप सिंह ने छह आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया. वहीं, इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया.

जिला शासकीय सहायक अधिवक्ता नितिन कुमार त्यागी और भाग सिंह भाटी ने बताया कि 31 मई 2019 को दादरी कस्बे के गढ़ी गांव में दिनदहाड़े सपा नेता रामटेक कटारिया की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. कटारिया अपने घर के बाहर खड़ा थे तभी एक ऑल्टो और दो बाइकों पर सवार होकर आए बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई, जिसमें उनको चार गोलियां लगी और मौके पर ही मौत हो गई.

रामटेक के भाई प्रवीण ने गढ़ी गांव निवासी बालेश्वर, राणा उर्फ कपिल, अन्नू, कृष्णा व चंद्रपाल और खेड़ी गांव निवासी नितेश उर्फ नित्ते सहित अज्ञात के खिलाफ दादरी थाने में मामला दर्ज कराया था. जिला न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें, गवाहों के बयान व सबूत के आधार पर छह आरोपियों को दोषी माना.

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अदालत ने बालेश्वर, कपिल उर्फ राणा, अन्नू कटारिया, कृष्ण, चंद्रपाल और नितेश उर्फ नित्ते को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषियों पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की रकम जमा ने करने पर 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. इसके साथ ही जेल में बिताई गई अवधि भी सजा में समायोजित की जाएगी.

परिवार में बंटवारे के चलते रंजिश में हुई हत्याः गढ़ी गांव निवासी बालेश्वर और रामटेक कटारिया के दादा दोनों सगे भाई थे. दोनों में आगे चलकर बंटवारे को लेकर विवाद हो गया. 2018 में बालेश्वर के भाई रमेश कटारिया का शव अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक के पास मिला. रमेश की हत्या में रामटेक कटारिया के खिलाफ नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने रामटेक को निर्दोष मानते हुए केस से उसका नाम निकाल दिया, लेकिन बालेश्वर रामटेक कटारिया को ही दोषी मानता था. इसके चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 31 मई 2019 में दिनदहाड़े घर के बाहर खड़े रामटेक की गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी.

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