जयपुर. राजस्थान की 10 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. खास बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार इन सभी दस सीटों पर बदलाव किया गया है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी के मंचों से यह बात उठी थी कि टिकट बदले जाते तो कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में वापसी कर सकती थी. ऐसे में लोकसभा चुनाव में यह फार्मूला लागू किया गया है. बीकानेर से पिछला चुनाव लड़ने वाले मदन गोपाल मेघवाल की जगह गोविंद राम मेघवाल को मैदान में उतारा गया है. पिछले चुनाव में चूरू से रफीक मंडेलिया, झुंझुनू से श्रवण कुमार, भरतपुर से अभिजीत जाटव और टोंक से नमोनारायण मीणा का टिकट काटा गया है. हालांकि, इस सूची में कुछ नाम ऐसे हैं. जिन्होंने पिछली बार भी लोकसभा चुनाव लड़ा था और इस बार भी टिकट मिला है, लेकिन उनकी सीट बदल दी गई है. अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पिछली बार जोधपुर से चुनाव हार गए थे. अब उन्हें जालोर से उतारा गया है. उदयलाल आंजना को इस बार चितौड़गढ़ से टिकट मिला है. पिछली बार वे जालोर से चुनाव लड़े थे. अब प्रदेश की 15 सीट पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने हैं.
तीन विधायकों पर दांव, तीन नए चेहरे : लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में तीन मौजूदा विधायकों पर दांव खेला गया है. विधायक बृजेंद्र सिंह ओला को झुंझुनूं, हरिश्चन्द्र मीणा को टोंक-सवाई माधोपुर और ललित यादव को अलवर से मैदान में उतारा गया है. जबकि उदयपुर कलेक्टर रहे ताराचंद मीणा को नए चेहरे के रूप में उदयपुर से मौका दिया गया है. संजना जाटव को भरतपुर से मैदान में उतारा गया है. जबकि जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने नए चेहरे करणसिंह उचियारड़ा पर दांव खेला गया है.
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दो केंद्रीय मंत्रियों का इनसे मुकाबला : बीकानेर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भाजपा प्रत्याशी हैं. उनके सामने कांग्रेस ने गोविंदराम मेघवाल को टिकट दिया है. जबकि जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने नया चेहरा करणसिंह उचियारड़ा को मौका मिला है.
राहुल के अलावा इनका भी भाजपा से नाता रहा : एक दिन पहले भाजपा से दामन छुड़ाकर कांग्रेस का हाथ थामने वाले राहुल कस्वा को चूरू से कांग्रेस का टिकट मिला है. जबकि बीकानेर से प्रत्याशी गोविंदराम मेघवाल और टोंक-सवाई माधोपुर से प्रत्याशी हरिश्चंद्र मीणा का भी भाजपा से पुराना नाता रहा है. गोविंदराम मेघवाल 2003 में भाजपा के टिकट पर नोखा से विधायक बने और संसदीय सचिव रहे. फिर भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया. जबकि हरिश्चंद्र मीणा ने पहले 2014 में भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा और फिर अपने भाई नमोनारायण मीणा को हराकर सांसद बने. नमोनारायण मीणा ने कांग्रेस से सांसद का चुनाव लड़ा था. हरिशचंद्र मीणा भी 2018 में कांग्रेस में आए थे.
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जानिए, गहलोत-पायलट गुट को कितने टिकट : आज कांग्रेस ने जो दस नाम घोषित किए हैं. उनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के चार और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के गट के तीन नाम हैं. बृजेंद्र ओला, हरिश्चंद्र मीणा और करणसिंह उचियारड़ा को सचिन पायलट के गुट का और गोविंदराम मेघवाल, वैभव गहलोत, ताराचंद मीणा और उदयलाल आंजना अशोक गहलोत के खेमे के हैं. जबकि तीन प्रत्याशियों का नाता किसी गुट से नहीं है.