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केंद्रों पर व्यवस्था नहीं, कई जगह सरसों और चने की खरीद अटकी, जहां हुई वहां एक किसान आया

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 15, 2024, 1:13 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 7:24 PM IST

राज्य सरकार ने हाड़ौती संभाग में किसानों के आग्रह के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस बार खरीद जल्दी शुरू की है. हालांकि, हाड़ौती के अधिकांश केंद्र पर खरीद शुरू होने में अभी दो-तीन दिन और लगेंगे. वहीं, जिन केंद्र पर खरीद शुरू हुई है, वहां महज एक किसान फसल बेचने आया है.

procurement centers of Kota
खरीद केंद्रों पर नहीं हुई व्यवस्था

खरीद केंद्रों पर नहीं हुई व्यवस्था

कोटा. प्रदेश की मंडियों में किसानों को सरसों और चने के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में मिल रहे हैं. इसी के चलते किसान अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के इच्छुक हैं. राज्य सरकार ने भी हाड़ौती में किसानों के लगातार आग्रह के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद इस साल जल्दी शुरू की है, ताकि किसानों की फसल को समय से खरीदा जा सके. हालांकि, इसके लिए 12 मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू किए थे और 15 मार्च यानी आज से खरीद शुरू हुई है, लेकिन हाड़ौती के अधिकांश केंद्र पर खरीद शुरू नहीं होगी. वहीं, जिन केंद्र पर खरीद शुरू हुई है. वहां पर किसान नहीं पहुंचे हैं.

राजफैड के कार्यवाहक क्षेत्रीय अधिकारी विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि खरीद की व्यवस्था के 39 वर्क आर्डर जारी कर दिए हैं. जिनमें केवल हाड़ौती संभाग के एक केंद्र सुल्तानपुर में ही किसान माल बेचने पहुंचा है. जिससे 19 क्विंटल खरीद हुई है. अन्य केंद्र पर खरीद के शुरु नहीं हो पाने की वजह यह है कि किसानों की फसल को खरीदने के लिए तुलाई, स्टाफ, बारदाने से लेकर खरीद केंद्र पर व्यवस्था, माल के लोडिंग-अनलोडिंग और लॉजिस्टिक की व्यवस्था नहीं हुई है. कई जगह पर टेंडर प्रक्रिया ही अभी लंबित है. इसी के चलते खरीद केंद्रों पर संवेदक ने व्यवस्था भी नहीं की. ऐसे में अधिकांश केंद्रों पर अगले एक-दो दिन खरीद होना मुश्किल है. बता दें कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में 1 अप्रैल से खरीद शुरू की जानी है.

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झालावाड़ के 14 और बूंदी के 3 केंद्र की प्रक्रिया ही अधूरी : विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि समर्थन मूल्य पर सरसों चने की खरीद के लिए हाड़ौती में 57 केंद्र हैं, जिनमें कोटा में 11, बारां में 24, बूंदी में 7 और झालावाड़ में 14 केंद्र हैं. वहीं, बूंदी के हिंडोली केंद्र पर कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. इसके अलावा बूंदी के केशोरायपाटन के दो केंद्र पर भी टेंडर प्रक्रिया अधूरी है. यहां तक की झालावाड़ के 14 केंद्र पर भी टेंडर की कार्रवाई लंबित होने के चलते खरीद शुरू नहीं हो पाएगी. शेष केंद्र के 39 के वर्क आर्डर जारी हो गए हैं, जिन पर खरीद की व्यवस्था है, लेकिन एक किसान ही माल को बेचने पहुंचा है.

सरसों पर हजार रुपए प्रति क्विंटल तक नुकसान : कोटा संभाग में सरसों के लिए 22 हजार और चने के 11 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इस बार सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडी में 4700 रुपए प्रति क्विंटल औसत दाम मिल रहा है. 800 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है. इसी तरह चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडी में किसानों को 5250 प्रति क्विंटल दाम मिल रहा है. यह करीब 200 से लेकर 250 रुपए प्रति क्विंटल तक कम है.

Last Updated :Mar 15, 2024, 7:24 PM IST
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