ETV Bharat / state

मिर्गी का दौरा पड़ने पर न सुंघाएं जूता, डॉक्टर से जानिए क्या करें, क्या नहीं?

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 31, 2024, 1:02 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 3:08 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

Epilepsy Myths Busted: मिर्गी का दौरा पड़ते ही कई लोग रोगी को तुरंत जूता, चप्पल सूंघाने लगते हैं, देश के अधिकतर हिस्सों में यही माना जाता है कि जूता या चप्पल सूंघाने से रोगी को राहत मिलती है, लेकिन इसपर विशेषज्ञों की क्या राय है जानिए.

जानिए लोगों में क्या है मिर्गी से जुड़ी गलत धारणाएं

नई दिल्ली: मिर्गी (Epilepsy) का दौरा कब और कहां आ जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. आज दुनिया भर में करोड़ों लोग इस बीमारी से परेशान हैं. मिर्गी का दौरा पड़ते ही रोगी को तुरंत जूता, चप्पल या मोजे सूंघाने की बात आपने भी सुनी होगी. इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच कई धारणाएं है जो सही नहीं है. जानकारों की माने तो यह बीमारी छूने से नहीं फैलता. आइए जान लेते है दिल्ली एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. मंजरी त्रिपाठी से कि मिर्गी को लेकर वे कौन-कौन सी गलत धारणाएं है जो लोगों के बीच आम है.

मिर्गी आने पर क्या करें: डॉ. मंजरी त्रिपाठी का कहना है कि जब किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़े तो उसे जूता न सुंघाएं और न ही उसके मुंह में चम्मच डालें. मिर्गी आने पर मरीज को जमीन पर या समतल स्थान पर करवट से लिटा दें. या उसकी गर्दन एक ओर मोड़ दें, ताकि मुंह में जमा लार और झाग बाहर निकल जाएं. कमरे का पंखा तेज कर दें और ताजी हवा आने दे, मरीज के पास से फर्नीचर, तेज, नुकीली या धारदार वस्तुएं हटा दें. मरीज के कपडे तंग हो तो उसकी कमीज के ऊपरी बटन खोल दें. ऐसा करने से मरीज कुछ सेकंड से लेकर एक मिनट के भीतर स्वयं सामान्य हो जाता है, लेकिन यह स्थिति 5 मिनट तक बनी रहने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए.

डॉ मंजरी ने कहा, व्यक्ति को दौरे पड़ने के पीछे कभी-कभी तेज बुखार, स्ट्रोक, सिर पर चोट लगना, ऑक्सीजन की कमी होना, ब्लड में शुगर कम या ज्यादा होना जैसे कारणों के अलावा मस्तिष्क में संक्रमण या ट्यूमर का होना भी होता है. यह 90 फीसद मामलों में दवाओं से ठीक हो जाता है. डॉ त्रिपाठी ने कहा, मिर्गी के संबंध में ज्ञान की कमी अक्सर सामाजिक कलंक और बहिष्कार में बदल जाती है और समाज को मिर्गी से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव की ओर ले जाती है. जिसके चलते कभी उनकी नौकरी तो कभी शिक्षा तक छूट जाते हैं. वहीं, ज्ञान की कमी, अनुचित उपचार निर्णय और देखभाल के अधूरी जानकारी होने के कारण मिर्गी से पीड़ित लोग उचित उपचार तक हासिल नहीं कर पाते हैं.

डॉ मंजरी ने कहा, अक्सर मिर्गी से पीड़ित लड़की या लड़के के परिजन शादी के लिए रिश्ता तय करते समय बीमारी की जानकारी छिपा लेते हैं. जो बाद में सार्वजनिक होने पर शादी टूटने तक की नौबत आ जाती है. कई बार ससुराल वाले लड़की को वापस छोड़ जाते हैं. इन रोगियों के साथ समाज में भेदभाव किया जाता है जो गलत है, वहीं कई बार तो मरीजों को नौकरी से भी निकाल दिया जाता है. उन्होंने बताया कि मिर्गी का रोगी महज आधे घंटे में ठीक हो जाता है. इन रोगियों को नौकरी से निकालना या समाज में भेदभाव करना गलत है

Last Updated :Jan 31, 2024, 3:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.