नई दिल्ली: चैती छठ पर दिल्ली में श्रद्धालुओं को यमुना नदी के गंदे पानी में ही पूजा करनी होगी क्योंकि यहां का कालिंदी कुंज घाट हमेशा की तरह बदहाल नजर आ रहा है. यहां यमुना में ना के बराबर पानी नजर आ रहा है. बता दें चैती छठ पर दिल्ली में छठ पूजा करने वाले भक्त कालिंदी कुंज घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.
चैती छठ चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार को नहाए खाए के साथ हो चुकी है. शनिवार को खरना जबकि रविवार को पहला अर्घ्य और सोमवार को दूसरा अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा. चैती छठ बिहार और पूर्वांचल के लोग करते हैं. चैती छठ का पहला अर्घ्य डूबते हुए भगवान भास्कर को दिया जाता हैं. वहीं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन होता हैं.
छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. कार्तिक छठ और चैती छठ. चैती छठ करने वाले लोगों की संख्या कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व के मुकाबले कम है. इसे बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश व झारखंड में मनाया जाता है. लेकिन चैती छठ को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई तैयारी नहीं की गई है. अन्य साल की तरह कालिंदीकुंज यमुना में इस वर्ष भी भक्त चैती छठ के लिए पहुंचेंगे तो उनको गंदी और दुरगंध वाली यमुना में ही पूजा करनी होगी. क्योंकि यमुना में बदहाली और गंदगी और ना के बराबर पानी बीते कई दिनों से नजर आ रहा है.
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बता दें दिल्ली में चैती छठ करने वाले भक्त अर्घ देने के लिए यमुना किनारे पहुंचते हैं .क्योंकि इनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व को लेकर सरकारी तौर पर राजधानी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर घाट निर्मित किए जाते हैं. लेकिन इस वर्ष यमुना चैती छठ के मौके पर बदहाल नजर आ रही हैं.यमुना में ना के बराबर पानी है और जो पानी नजर आ रहा है वह भी गंदा और दुर्गंध से भरा है.
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