कबीरधाम: कवर्धा जिले में जंगली जानवर का शिकार करने करंट तार बिछाने के चलते बड़ा हादसा हुआ है. शिकारियों द्वारा बिछाए करंट तार की चपेट में आने से पिता और पुत्र झुलस कर घायल हो गए हैं. दोनों घायलों को गंभीर स्थिति में कवर्धा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पिता कि हालत गंभीर बताई जा रही है.
करंट की चपेट में आया चरवाहा: यह घटना कबीरधाम जिले में झलमला थाना क्षेत्र के ग्राम जमुनपानी का है. शनिवार को चैतू मेरावी (40 साल) निवासी जमुनपानी गांव के मवेशियों को चराने जंगल गया हुआ था. यहां पहले से शिकारियों द्वारा जंगली जानवर के शिकार करने करंट तार बिछाया रखा था. इसके में चैतू आकर गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही बेहोश हो गया. शाम होने पर भी जब पिता मवेशी चराकर घर नहीं लौटे तो पुत्र पंचराम मेरावी (20 साल) को पिता की चिंता हुई और जंगल की ओर उन्हें ढुंढने निकला.
पिता को बचाने गया बेटा भी चपेट में आया: खोजबीन के दौरान जंगल में उसे एक जगह पिता अचेत अवस्था में पड़े हुए मिले. पुत्र पिता को देखते ही उसके तरफ दौड़ा, लेकिन उसे नहीं पता था कि पिता के आसपास जमीन में करंट तार बिछी है. वहां पहुंचते ही पुत्र भी करंट की चपेट में गया और घायल हो गया. घायल पुत्र को जब थोड़ी देर बाद होश आया तो फोन कर परिजनों को घटना की जानकारी दी.
घायल पिता की हालत गंभीर, इलाज जारी: तब परिजन गांव वालों के साथ जंगल पहुंचे और घायल पिता-पुत्र को उठाकर एम्बुलेंस की मदद से कवर्धा जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां दोनों का इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर घायल चैतू मेरावी की स्थिति ज्यादा गंभीर बता रहे हैं.
कबीरधाम जिले में शिकारी सक्रिय: कबीरधाम जिले का ज्यादातर हिस्सा वनों से घिरा हुआ है. यहां कई प्रकार के वन्य प्राणी निवास करते हैं. जंगलों से लगे गांव में रहने वाले छोटे शिकारी वन्य प्राणी का शिकार कर अपना भोजन बनाते हैं. बड़े शिकारी भी जानवर का शिकार कर उनके कीमती खाल, दांत, सिंग, मांस का गैरकानूनी व्यापार करते हैं. जानवरों को पकड़ने के लिए ये लोग करंट का जाल जंगल में लगाते हैं. जिले में ऐसे बहुत से शिकारी सक्रिय हैं. जिले में वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है.