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MP में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन क्यों नहीं, सरकार की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट नाराज, अब हर दूसरे दिन सुनवाई

MP Motor Vehicle Act : मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने सरकार की रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की है. इस मामले की सुनवाई हर दूसरे दिन करने के आदेश जारी किए गए. अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी.

MP Motor Vehicle Act
मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट हाईकोर्ट में सुनवाई
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 6:22 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के मामले में अब प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर याचिका को मुख्य पीठ में स्थानांतरित किया गया. याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती.

सीट बेल्ट व हेलमेट का नियम नहीं मानते वाहनचालक

याचिका में ये भी कहा गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी.

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सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगी थी

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता का पालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किये थे.

जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के मामले में अब प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर याचिका को मुख्य पीठ में स्थानांतरित किया गया. याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती.

सीट बेल्ट व हेलमेट का नियम नहीं मानते वाहनचालक

याचिका में ये भी कहा गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी.

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सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगी थी

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता का पालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किये थे.

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