ETV Bharat / state

पीच से महिला किसान बनी करोड़पति, आब-ओ-हवा में ऐसा कमाल कि हिमालय के फल जबलपुर में उगने लगे - Jabalpur Millionaire Women Farmer

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 4:29 PM IST

मध्यप्रदेश के जबलपुर में आड़ू की खेती संभव है. दरअसल, जबलपुर के अधारताल इलाके की एक महिला ने कुछ सालों पहले अपने घर में आड़ू यानी पीच का पेड़ लगाया था और इसमें कई सालों से अच्छे फल आ रहे हैं. जबकि जबलपुर में इसकी खेती अभी तक नहीं देखी गई है. आड़ू की खेती सामान्य तौर पर उत्तर भारत में होती है.

Jabalpur Millionaire Women Farmer
आड़ू की खेती से किसान बन सकते हैं करोड़पति (Etv bharat)

आड़ू की खेती से किसान बन सकते हैं करोड़पति (Etv bharat)

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर की आब-ओ-हवा में थोड़ा असर दक्षिण भारत का नजर आता है और थोड़ा असर उत्तर भारत का. इसी वजह से जबलपुर में भारत के दोनों ही इलाकों के पेड़-पौधे उग जाते हैं. जबलपुर के अधारताल इलाके में रेनू साहनी ने अपने घर में आड़ू का पेड़ लगाया था और इसमें कई सालों से अच्छे फल आ रहे हैं. जबकि मध्य भारत में आड़ू या पीच की खेती नहीं होती है. यह उत्तर भारत से मध्य प्रदेश के बाजारों में बेचने के लिए लाया जाता है.

उत्तर भारत में होती है पीच की खेती

मध्य भारत में ज्यादातर फलों की खेती में आम, सीताफल, अमरूद जैसे फलों का ही उत्पादन लिया जाता है. कुछ फल ऐसे हैं मध्य भारत के बाजार में तो बिकने आते हैं, लेकिन उनकी खेती यहां नहीं होती है. ऐसा ही एक फल आड़ू है, इसे अंग्रेजी में पीच (Peach) कहा जाता है. भारत में आड़ू की खेती सामान्य तौर पर उत्तर भारत में होती है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में इसका अच्छा उत्पादन होता है और यहीं से यह फल देशभर में बिकने के लिए जाता है.

Himalayan fruits grown in Jabalpur
जानिए कैसे करें आड़ू की खेती, जबलपुर की महिला ने किया कमाल (Etv Bharat)

उत्तराखंड से मंगाया गया था पीच का पौधा

जबलपुर के अधारताल इलाके में रहने वाली रेनू साहनी ने उत्तराखंड से पीच का पौधा लाकर अपने घर में लगाया था, उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि इस पौधे में फल आएंगे. लेकिन जैसे-जैसे पौधा बड़ा हुआ, इसमें फल आना शुरू हुए. रेनू बताती हैं कि उनके पेड़ में काफी अच्छे फल आते हैं. फल का साइज भी अच्छा रहता है और उनका स्वाद भी मीठा होता है. रेनू साहिनी ने यह पौधा शौक के लिए लगाया है. इसमें किसी किस्म के रसायन का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. कोई खाद नहीं दिया जाता. इसके बावजूद इसमें अच्छी फसल आ रही है.

कैसे करें आड़ू की खेती

पीच या आड़ू की खेती उत्तर भारत में की जाती है. एक एकड़ में 150 से 200 पेड़ लगाए जाते हैं. पौधों को लगाने का सही समय बरसात होता है. लेकिन इसमें बगीचा लगाने वाले लोगों को इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जिस जगह पर आड़ू के पौधे लगाए जा रहे हैं, वहां पर पानी नहीं रुकता हो. एक विकसित आड़ू का पौधा एक साल में 1 से 2 क्विंटल तक उत्पादन दे देता है. इस तरह से एक एकड़ के बगीचे से 150 से 200 क्विंटल आड़ू का उत्पादन लिया जा सकता है और किसान इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.

'मावा मटकी' 20 सालों से मुंह में घोल रही मिठास, गौर सालीवाडा के मीठे को दूर-दूर से चखने आते हैं लोग

लीची बन सकती है किसानों की आय का नया साधन, जबलपुर के सुधीर को लीची ने दिलाया गजब मुनाफा

आड़ू या पीच की खेती में दूसरी एक विशेषता यह है कि जिस दौरान यह फल पककर बाजार में आता है, उस समय बाजार में फलों की कमी रहती है इसलिए इसके अच्छे दाम मिलते हैं. ठंडे इलाकों में जिस साइज का पीच पाया जाता है, उतनी अच्छी ग्रोथ मध्य प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन फिर भी यदि इसका व्यापारिक उत्पादन किया जाए तो हो सकता है कि कोई वैरायटी मध्य प्रदेश के वातावरण में पूरी तरह से सूट हो. सरकार को इस फल के विकास को लेकर शोध करना चाहिए, क्योंकि शौकिया तौर पर लगाए गए पौधे मैं यदि फल आ रहे हैं तो वैज्ञानिक तरीके से लगाए गए पौधे में भी अच्छे से फल आना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.