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कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में हाईकोर्ट का अहम आदेश, प्राचार्य की याचिका निरस्त - Jabalpur High Court order

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 22, 2024, 9:58 PM IST

JABALPUR HIGH COURT ORDER
कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला

हाईकोर्ट ने कला निकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज जबलपुर के प्राचार्य डॉ. रामचंद्र पांडे की याचिका निरस्त करते हुए आदेश दिया है कि तीन कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर से जारी पत्रों के मामले की जांच जारी रहेगी.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने तीन कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर से जारी पत्रों के मामले को काफी सख्ती से लिया. जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले में पुलिस को स्वतंत्रता दी है कि वह मामले में संज्ञान लेकर जांच पूरी करे. प्रारंभिक जांच में यदि अपराध बनता है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करे. उक्त आदेश के साथ एकलपीठ ने कलानिकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज जबलपुर के प्राचार्य डॉ. रामचंद्र पांडे की याचिका निरस्त कर दी.

क्या है मामला

यह मामला कलानिकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज की शिक्षक श्रीमती राखी ठाकुर से जुड़ा है. दरअसल राखी ठाकुर ने प्राचार्य डॉ रामचंद्र पांडे को आवेदन देकर मांग की थी कि उनकी पीएचडी पूरी हो गई है और उनकी वेतनवद्धि की जाए. स्वशासी कॉलेज की गवर्निंग बॉडी का चेयरमैन कलेक्टर होता है इसके चलते प्राचार्य ने पूर्व कलेक्टर छवि भारद्वाज के हस्ताक्षरयुक्त एक पत्र राखी को यह कहते हुए दिया था कि उनका क्लेम रिजेक्ट हो गया है. इसी तरह दो अन्य कलेक्टर के पत्र भी राखी को दिये गये.

प्राचार्य ने कलेक्टर के आदेश को दी थी चुनौती

जबलपुर निवासी डॉ. रामचंद्र पांडे ने वर्ष 2022 में याचिका दायर कर कलेक्टर द्वारा एसपी को मामले में दिए जांच के आदेश को चुनौती दी थी. दरअसल, पूर्व कलेक्टर टी इलैया राजा ने एसपी को कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर मामले की जांच करने एसपी को पत्र लिखा था. एसपी ने ये जांच स्पेशल ब्रांच को सौंपी थी. डॉ. पांडे ने पूर्व में यह कहकर जांच पर अंतरिम रोक ले ली थी कि पहले जांच हो चुकी है.

तीनों पत्रों पर कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर

शिकायतकर्ता राखी ठाकुर ने जब तीनों पत्रों की अपने स्तर पर जांच कराई तो तीनों पत्र फर्जी पाए गए. इस पर राखी ने तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा टी से इसकी शिकायत की. कलेक्टर ने 5 अगस्त 2022 को एसपी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने के निर्देश दिये थे. एसपी ने ये जांच स्पेशल ब्रांच को सौंपी थी. इधर कॉलेज प्राचार्य डॉ. रामचंद्र पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में ये कहकर अंतरिम रोक ले ली थी कि इसमें पहले जांच हो चुकी थी.

राखी ठाकुर ने लगाई थी हस्तक्षेप याचिका

प्राचार्य की याचिका लंबित रहने के दौरान कॉलेज की प्राध्यापक श्रीमती राखी ठाकुर ने हस्तक्षेप याचिका पेश की थी. उनकी ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि हस्तक्षेप कर्ता ने प्राचार्य को आवेदन दिया था. जिसमें पीएचडी पूरी होने पर उनकी वेतन वृद्धि किये जाने की मांग की गई थी. हस्तक्षेप कर्ता की ओर से न्यायालय को बताया गया कि पिछले सात सालों से राखी वेतनवृद्धि पाने भटक रही है.

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हाईकोर्ट ने खारिज की प्राचार्य की याचिका

जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को जांच करने की छूट दे दी है और जांच के बाद एफआईआर करने के भी आदेश दिए हैं. साथ ही कालेज प्राचार्य डॉ. रामचंद्र पांडे की याचिका निरस्त कर दी.

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