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दिल्ली के वन क्षेत्र में इजाफा, शहरीकरण के साथ 5.73 से बढ़कर 23.67 प्रतिशत हुआ वन क्षेत्र - International Day of Forests 2024

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 21, 2024, 2:32 PM IST

Updated : Mar 21, 2024, 3:58 PM IST

International Day of Forests 2024: वनों के महत्व और उनसे प्राप्त होने वाले अनेक लाभों के बारे में समाज के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 मार्च को दुनिया भर में विश्व वन दिवस मनाया जाता है. दिल्ली की बात करें तो यहां शहरीकरण के साथ वन क्षेत्र भी बढ़ा है.

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दिल्ली के वन क्षेत्र में इजाफा

नई दिल्ली: 21 मार्च को हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य जन-जन को वन के महत्व और जरूरत के प्रति लोगों को जागरूक करना है. अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. वहीं, जलवायु परिवर्तन से पूरा विश्व परेशान हैं. ऐसे में वन का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. राहत की बात यह है कि तेजी से दिल्ली का शहरीकरण के साथ वन क्षेत्र बढ़ा है. 2021 में वन और वृक्षों से घिरे क्षेत्र का दायरा बढ़कर 342 वर्ग किलोमीटर हो गया है

दिल्ली में कुल वन क्षेत्र 23.6 प्रतिशत: 2011 में दिल्ली में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का सिर्फ 5.73 प्रतिशत वन था. वहीं, 10 साल बाद वर्ष 2021 में दिल्ली में कुल वन क्षेत्र 23.6 प्रतिशत पहुंच गया. दिल्ली में पिछले चार साल में 2 करोड़ 5 लाख पौधे लगाए गए. हालांकि करीब 60 प्रतिशत पौधे जीवित रहे. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 63 लाख पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.

दिल्ली का वन क्षेत्र
दिल्ली का वन क्षेत्र

2011 से 2021 के बीच बढ़ा 257 वर्ग किमी वन क्षेत्र: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दिल्ली की ओर से बताया गया है कि दिल्ली में कुल 342 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है. जो दिल्ली के कुल भौगोलिक क्षेत्र 1483 वर्ग किलोमीटर का 23.6 प्रतिशत है. इंडिया स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट 2011 का डेटा देखें तो दिल्ली में 85 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र बचा था. जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का महज 5.73 प्रतिशत था. वर्ष 2011 से 2021 के बीच 257 वर्ग किमी का वन क्षेत्र बढ़ा है.

वन संरक्षण अधिनियम के तहत सड़क निर्माण करने, बिजली की लाइन बिछाने व अन्य विकास कार्यों के लिए समय समय पर वन भूमि को उपयोग करने के लिए भी दिया गया. पेड़ काटने के बाद उसके बदले पेड़ लगाए जाते हैं लेकिन सिर्फ एक तिहाई पेड़ ही जीवित रह पाते हैं. इन सबके बावजूद भी दिल्ली में वन क्षेत्र का बढ़ना राहत की बात है.

चार साल में लगाए 2 करोड़ से अधिक पौधे: दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली में पिछले चार साल में 2 करोड़ 5 लाख पौधे लगाए गए. हालांकि इसमें से करीब 40 प्रतिशत पौधे सूख गए. लेकिन वर्ष 2013 में दिल्ली में हरित क्षेत्र 20 प्रतिशत था. 2021 में दिल्ली में हरित क्षेत्र 23.6 प्रतिशत दर्ज किया गया. हरित क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में 63 लाख पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली में 21 विभाग मिलकर पौधारोपण करेंगे. जिससे हरित क्षेत्र बढ़ सके.

दिल्ली का वन क्षेत्र
दिल्ली का वन क्षेत्र

वन क्षेत्र कम होने से प्राणियों पर पड़ेगा बुरा असर: पर्यावरणविद ज्ञानेंद्र सिंह रावत का कहना है कि हमारी जनसंख्या और शहरीकरण का तेजी से विस्तार हो रहा है. इससे वन क्षेत्र दिनों दिन कम होता जा रहा है. आज से कुछ साल पहले दिल्ली और एनसीआर का इलाका हराभरा रहता था. लेकिन आज यहां बहुमंजिला इमारतें और आर्टीफिशियल हरियाली दिख रही है. आर्टिफिशियल हरियाली दिखाई दे रही है. वन क्षेत्र का सिमटना मानवजनित गतिविधियों के कारण है.

हरित क्षेत्र को खत्म करने के दोषी हमी लोग हैं. सरकार और वन मंत्रालय दावा करता है कि वन क्षेत्र बढ़ रहा है. लेकिन हकीकत इससे विपरीत है. वन क्षेत्र कम होने से वन्य जीव भी घट रहे हैं. वन क्षेत्र में जानवरों को भोजन मिलना मुश्किल होता जा रहा है. प्रकृति का दोहन व पेड़ खत्म होने से सबसे ज्यादा असर प्राणी पर पड़ता है. शुद्ध हवा नहीं मिलेगी ती इसका असर मानव जीवन पर पड़ेगा. यही कारण है कि आज तमाम जानलेवा बीमारियां पैदा हो रही हैं.

Last Updated : Mar 21, 2024, 3:58 PM IST
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