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महिलाओं को ₹1500 पेंशन देने की प्रकिया पर इसलिए लगी रोक, जाने क्यों फॉर्म से हटाई गई सीएम की तस्वीर

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 3:19 PM IST

महिलाओं को ₹1500 देने की प्रकिया पर इसलिए लगी रोक
महिलाओं को ₹1500 देने की प्रकिया पर इसलिए लगी रोक

Indira Gandhi Mahila Sukh Samman Fund Scheme: इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना के फॉर्म से एक दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की फोटो को हटाया गया है. वहीं, अब इस योजना को फिलहाल के लिए होल्ड किया गया है. जबकि योजना की अधिसूचना जारी होने के बाद से सैंकड़ों महिलाएं ₹1500 मासिक पेंशन पाने के लिए फॉर्म भर चुकी हैं. पढ़िए पूरी खबर...

शिमला: हिमाचल में लाखों महिलाओं को ₹1500 की मासिक पेंशन वाली इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना पर बवाल मच गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चुनावी घोषणा पत्र में दी गई अपनी पांचवीं गारंटी को पूरा करने का दावा किया है और करीब 15 दिन पहले ही 18 से 59 की आयु वर्ग की महिलाओं को ₹1500 देने का ऐलान किया था. जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी करते हुए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना नाम से फॉर्म भी जारी किया गया. जिसमें फॉर्म के एक कोने में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और दूसरी तरफ सीएम सुखविंदर सिंह की फोटो लगी है.

योजना को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल: ऐसे में 16 मार्च को देश सहित हिमाचल में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद योजना विवादों के घेरे में आ गई है. विपक्षी दल भाजपा फॉर्म में लगी इंदिरा गांधी और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू फोटो और बिना बजट के योजना की घोषणा किए एतराज जता रही है. इस बारे में भाजपा के लीगल सेल ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. जिसके बाद इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना के फॉर्म से एक दिन पहले ही इंदिरा गांधी और सीएम सुखविंदर सिंह की फोटो को हटाया गया, लेकिन इसके बाद भी योजना को होल्ड किया गया है. वही योजना की अधिसूचना जारी होने के बाद से सैकड़ों महिलाएं ₹1500 की मासिक पेंशन पाने के लिए फॉर्म भर चुकी हैं.

क्या कहते हैं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी: पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं शिमला के एसडीएम रहे जीसी नेगी का कहना है कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है. ताकि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से पूरा किया जा सके. ऐसे में सरकारी योजनाओं जिससे मतदाता प्रभावित होता है या किसी तरह के प्रलोभन का अंदेशा रहता है. इसके लिए सरकारी योजनाओं से राजनेता को फोटो हटाई जाती है. इसी तरह से आचार संहिता लगने के सरकार की उपलब्धियों के होर्डिंग्स और बोर्ड भी हटाए जाते हैं. जहां तक ₹1500 वाली मासिक पेंशन का सवाल है तो ये योजना लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले लागू हुई है. इससे राजनेताओं की भी फोटो हटाई गई जा चुकी है. ऐसे में प्रक्रिया जारी रहने में कोई हर्ज नहीं है. फिर भी अगर कोई परेशानी आ रही है तो इस पर चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण ली जानी चाहिए.

नारी सम्मान योजना को लेकर इसलिए उठा विवाद: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करीब 15 दिन पहले ही कांग्रेस की चुनावी गारंटी पूरी करते हुए 18 साल से 59 साल की आयु वर्ग की महिलाओं को ₹1500 देने का ऐलान किया था. जिसके बाद योजना की नोटिफिकेशन साथ ही फॉर्म भी जारी किया गया. जिससे योजना को लाभ पाने और फॉर्म भरने को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह है. इसमें बहुत सी महिलाओं ने फॉर्म भी भर लिए हैं. वहीं भाजपा ने इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बता रही है. जिसके लिए भाजपा के लीगल सेल ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की है. हालांकि इसकी घोषणा और नोटिफिकेशन चुनाव की अधिसूचना से पहले कर दी गई है. चुनाव आयोग के निर्देशों पर ₹1500 पेंशन के फॉर्म से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फोटो भी हटा दिए गए हैं. वहीं, 16 मार्च को प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा था कि चुनाव से पहले से जारी योजनाओं पर आचार संहिता प्रभावी नहीं होती है. इस दौरान तबादले, नई योजनाएं और फाइनेंशियल से संबंधित नए निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं.

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