झांसी में बसपा ने जिलाध्यक्ष को पद से हटाने के साथ पार्टी से भी किया बाहर, बुंदेलखंड प्रभारी पर भी गिरी गाज - lok sabha election 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 6:31 AM IST

Updated : Apr 23, 2024, 7:26 AM IST

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झांसी में बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है. पार्टी से घोषित प्रत्याशी को हटाने के साथ ही जिलाध्यक्ष को भी बदल दिया है. इसके अलावा उन्हें पार्टी से बाहर भी कर दिया है. इसी कड़ी में बुंदेलखंड प्रभारी पर भी गाज गिरी है.

झांसी : जिले में पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतों पर 10 दिन पहले घोषित किए प्रत्याशी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. 18 अप्रैल को हुई इस कार्रवाई के दौरान जिलाध्यक्ष को भी बदल दिया गया था. अब हटाए गए जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को पार्टी से बाहर कर दिया गया है. इसके अलावा बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम अहिरवार को भी पद से हटा दिया गया है. अब उनके पास केवल चिटकूट की जिम्मेदारी रहेगी.

9 अप्रैल को प्रत्याशी बनाए राकेश कुशवाहा को 10 दिन बाद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते निष्कासित किया जा चुका है. सोमवार को बसपा ने झांसी मंडल में बड़ा बदलाव किया. झांसी के जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को पार्टी ने 18 अप्रैल को पद से हटाकर सभी को चौंका दिया था. उनसे जिले की कमान छीनकर बीके गौतम को सौंप दी गई थी.

अब पूर्व जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को बसपा ने निष्कासित करते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके अलावा 2009 से बुंदेलखंड की कमान संभाल रहे लालाराम अहिरवार से कमान छीन ली गई. लालाराम अहिरवार के कार्यकाल में पार्टी लगातार प्रत्येक चुनाव में बुंदेलखंड में जनाधार खोती जा रही थी. कार्यकर्ता भी उनसे काफी नाराज रहते थे. आम पब्लिक भी उनसे खुश नजर नहीं आ रही थी.

इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने लालाराम अहिरवार को बुन्देलखंड से हटा दिया. उनके स्थान पर अब चन्द्रदत्त गौतम, डॉ. बृजेश जाटव, जगजीवन अहिरवार और छुन्ना पाल को कमान सौंपी दी है. बुंदेलखंड प्रभारी रवि मौर्या ने बताया कि हमारी पार्टी अनुशासन वाली पार्टी है, यहां लापरवाही और एनैतिक गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाती है. उसी के चलते पार्टी ने निर्णय लिया है.

कभी प्रदेश की मजबूत पार्टियों में शुमार रही बहुजन समाज पार्टी आज सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता चला गया. कभी लगभग 25 प्रतिशत वोट तक हर हाल में पहुंचने वाली बसपा अब 7 प्रतिशत वोट पर आ गई है. पार्टी को वोट देने वाले कार्यकर्ता भी पार्टी से छिटकते रहे. नामांकन के कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में पार्टी यहां से अभी प्रत्याशी नहीं उतार पाई.

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Last Updated :Apr 23, 2024, 7:26 AM IST
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