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अतिक्रमण का दंश झेल रहा एचईसी, हजारों क्वार्टर पर अवैध कब्जा, कामगार परेशान लेकिन प्रबंधन बेसुध - Illegal occupation of HEC quarters

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 17, 2024, 10:30 AM IST

Updated : May 17, 2024, 10:49 AM IST

HEC in Ranchi. रांची में एचईसी के क्वार्टर पर अतिक्रमण की दीमक लग चुकी है. इन आवासों में वैसे लोग भी रह रहे हैं, जिनका एचईसी से कभी कोई नाता ही नहीं रहा है. कर्मचारी परेशान हैं, लेकिन प्रबंधन बेसुध है.

Illegal occupation of thousands of HEC quarters in Ranchi
एचईसी के क्वार्टर (ETV BHARAT)

एचईसी क्वार्टर पर कब्जा के बारे में बताते हुए यूनियन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता (ETV BHARAT)

रांची: राज्य का आन बान और शान कहा जाने वाला एचईसी आज बदहाल स्थिति में है. एचईसी के द्वारा बनाया गया करोड़ों रूपये की संपत्ति को लोग अपने स्तर से उपयोग कर रहे हैं. ये हम नहीं बल्कि एचईसी में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है.

दरअसल एचईसी में इन दिनों अतिक्रमण चरम पर है. लोग अपने अपने स्तर से एचईसी प्रबंधन द्वारा बनाए गए क्वार्टरों को अपने कब्जे में ले रहे हैं. एचईसी क्वार्टर में रह रहे कर्मचारियों ने बताया कि एक वक्त था, जब एचईसी में पर्याप्त जगह हुआ करता था, लेकिन आज बढ़ते अतिक्रमण की वजह से लोगों को जीना दुर्लभ हो गया है. कई ऐसे बच्चों के खेलने वाले प्लेग्राउंड हुआ करते थे जो आज अतिक्रमण की वजह से समाप्त हो गए हैं.

एचईसी मजदूर यूनियन के नेता विकास तिवारी बताते हैं कि 20 वर्ष पहले तक एचईसी के आवासीय परिसर में नियमावली का पालन हुआ करता था. जिस कर्मचारी को रहने के लिए घर मुहैया कराया जाता था, वही अपने परिवार के साथ आवासीय परिसर में रह सकते थे. उन्होंने बताया कि एचईसी के आवासीय परिसर में रहने के लिए एचईसी का कर्मचारी होना अनिवार्य होता था. आज स्थिति ठीक उसके उलट है. कोई भी व्यक्ति एचईसी के आवासीय परिसर में पहुंचकर अपना दावा ठोक रहा है और मकान में रह रहा है. कई लोग तो एचईसी परिसर में अवैध निर्माण भी कर रहे हैं लेकिन उनको कोई रोकने वाला नहीं है.

एचईसी में मजदूरों के लिए आवाज उठाने वाले हटिया मजदूर संघ के नेता भवन सिंह बताते हैं कि प्रबंधन के लोगों की संलिप्तता की वजह से एचईसी में अतिक्रमण होता जा रहा है. एचईसी प्रबंधन में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो एक आंख बंद कर अवैध तरीके से लोगों को आवासीय परिसर में जगह दे रहे हैं. वहीं एचईसी क्षेत्र में सामाजिक कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता बबलू शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में जो भी स्थानीय विधायक और स्थानीय सांसद हैं. उनके द्वारा कभी भी सदन में एचईसी का मुद्दा नहीं उठाया जाता है. वहीं यदि कभी उठाया भी जाता है तो वह सिर्फ नाममात्र ही हो पाता है.

कई आवास तो आज ऐसे लोगों के कब्जे में हैं, जिनका ताल्लुक कभी भी एचईसी से नहीं रहा. फिर भी ऐसे लोग बेखौफ होकर एचईसी क्वार्टर का आनंद उठा रहे हैं. वहीं बबलू शुक्ला ने बताया कि सरकार के उदासीन रवैये की वजह से एचईसी आज अपने पिछले पायदान पर है. जरूरत है स्थानीय सरकार और केंद्र में बैठी सरकार एचईसी के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए ताकि एचईसी में चल रही अनियमितता को समाप्त किया जा सके.

गौरतलब है कि एचईसी में साढ़े ग्यारह हजार आवासीय क्वार्टर हुआ करते थे, लेकिन आज स्थानीय सरकार और प्रबंधन की लापरवाही की वजह से क्वार्टरों पर अवैध कब्जा होता जा रहा है. बताते चलें कि एचईसी के द्वारा कुल 11109 आवास बनाए गए थे. जिसमें एचईसी के परमानेंट कर्मचारियों के लिए 701 क्वार्टर आवंटित किए गए हैं. जबकि लीज पर 6784 क्वार्टर दिए गए हैं. इसके अलावा झारखंड सरकार के द्वारा भी करीब 1200 क्वार्टर रेंट पर लिए गए हैं. आंकड़े को देखें तो लगभग 1000 से ज्यादा ऐसे क्वार्टर हैं, जिसमें अवैध रूप से लोग रह रहे हैं.

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Last Updated :May 17, 2024, 10:49 AM IST
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