ETV Bharat / state

गोरखपुर में वक्फ की 70 फीसदी संपत्तियों पर अवैध कब्जा, मूल दस्तावेज से भी छेड़छाड़

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 8:44 AM IST

etv bharat
etv bharat

गोरखपुर में वक्फ की 70 फीसदी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है. मूल दस्तावेज से भी छेड़छाड़ की गई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

गोरखपुर: जिले में मौजूद वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जेदार वर्षों से कब्जा जमाए बैठे हैं. यही नहीं उन्होंने मिली भगत करके दस्तावेजों में भी छेड़छाड़ करा दिया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तरफ से प्रशासन के निर्देश पर, इस मामले में जो जांच कराई जा रही है, उसमें देखने को मिल रहा है कि 70% वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जेदार काबिज हैं. अधिकतर संपत्तियां 19वीं शताब्दी में लोगों को दान में दी गई थी जिस पर अन्य लोग भी आज काबिज हैं, जिसके कागजात में छेड़छाड़ और कब्ज़दारी देखने को मिल रही है. समय-समय पर ऐसी संपत्तियों को बेचने या उस पर कब्जे को लेकर प्रशासन को शिकायत भी मिलती है. तहसील प्रशासन के स्तर से इसकी जांच होती है और अवैध कब्जदारों को खाली भी कराया जाता है लेकिन अब यह एक बड़ी समस्या बन गई है.

जो परिणाम देखने को मिल रहा है उसमें यह बात निकलकर आ रही है कि, अधिकतर हिस्से पर जो दान में मिली संपत्ति है उस पर निर्माण हो चुका है. राजस्व अभिलेखों में वक्फ से हटकर किसी और का नाम दर्ज हो गया है जिससे यह जमीन कई बार बिकती भी रही है. इससे जुड़े सभी अभिलेख उर्दू में हैं. मौजूदा समय में कई स्कूल भी वक्फ की संपत्ति पर संचालित हो रहे हैं. बेतियाहाता से लेकर उर्दू बाजार, घंटाघर और मियां बाजार में ऐसी संपत्तियों की संख्या ज्यादा है. कई संपत्तियां व्यावसायिक उपयोग में भी लाई जा रही हैं. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के के मौर्य ने कहा कि वक्फ की संपत्तियों की निगरानी की जा रही है. संपत्तियों पर अवैध कब्जे की शिकायत की जांच हो रही है तो उसे खाली भी कराया जा रहा है. कुछ संपत्तियां प्रशासन के कब्जे में भी आ सकती हैं.

वह सम्पत्ति वक्फ की कही जाती है जो मुस्लिम वर्ग के लोगों की तरफ से, सार्वजनिक हित के लिए समर्पित की जाती है. इसमें भी दो तरह के प्रावधान होते हैं. एक के तहत दान करने वाला व्यक्ति यह घोषणा करता है कि, संपत्ति का संचालन समिति करेगी जबकि दूसरा प्रावधान यह कहता है कि संपत्ति का संचालन दान करने वाले व्यक्ति के हाथ में होता है। संपत्ति दान करने के बाद उस पर उनका स्वामित्व नहीं रह जाता. केवल प्रबंधन करने का अधिकार होता है और वह संपत्ति को बेच नहीं सकते लेकिन संपत्ति को बेचने और खरीदने का भी कारनामा यहां अंजाम दिया गया है इसीलिए शिकायत तेज हुई हैं और जांच में 70 प्रतिशत संपत्तियों पर अवैध कब्जा पाया गया है.

ये भी पढ़ेंःज्ञानवापी केस: व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई 12 फरवरी को

ये भी पढ़ेंः कागजी छुट्टी खत्म: यूपी के सरकारी कर्मचारियों ने ऐसे लिया अवकाश तो प्रमोशन और इंक्रीमेंट पर पड़ेगा असर, सर्विस भी होगी ब्रेक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.