ETV Bharat / state

पति द्वारा पत्नी से घरेलू काम करने की अपेक्षा करना क्रूरता नहीं है: दिल्ली हाईकोर्ट

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 7, 2024, 6:53 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि एक पति द्वारा अपनी पत्नी से घरेलू काम करने की अपेक्षा करना क्रूरता नहीं कहा जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि यह पहले से ही माना गया है कि यदि एक महिला को घरेलू काम करने के लिए कहा जाता है, तो इसे नौकरानी के काम के बराबर नहीं किया जा सकता है.

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि पत्नी से घर का काम करने की अपेक्षा करना क्रूरता नहीं है. यह फैसला जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने सुनाया, जो एक फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एक शख्स की अपील पर सुनवाई कर रही थी. शख्स ने पत्नी द्वारा कथित क्रूरता पर विवाह विच्छेद का अनुरोध किया था, जिसे फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

पीठ ने शादी के साथ आने वाली साझा जिम्मेदारियों पर जोर देते हुए कहा कि एक पत्नी द्वारा अपने घर के लिए किए गए कार्य प्यार और स्नेह से होते हैं और इसकी तुलना नौकरानी के काम से नहीं की जानी चाहिए. अदालत के अनुसार, पत्नी से घरेलू कर्तव्यों की अपेक्षा जिम्मेदारियों के विभाजन से आती है और इसे क्रूरता के रूप में नहीं देखा जा सकता है. फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर और शख्स को तलाक का अधिकार देने के बावजूद, घरेलू कामकाज पर अदालत की टिप्पणी ने लोगों का ध्यान खींचा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद लापता नाबालिग लड़की को उसकी मां को सौंपा गया

2007 में शादी करने वाले और 2008 में पैदा हुए बेटे के माता-पिता बनने वाले इस जोड़े ने शुरू से ही तनावपूर्ण रिश्ते का अनुभव किया था. पति ने पत्नी पर घरेलू कर्तव्यों को निभाने में अनिच्छा और अपने परिवार के साथ घुलने-मिलने में विफल रहने का आरोप लगाया. महिला का दावा है कि उसके योगदान की सराहना नहीं की गई.

पीठ ने शादी को बचाने के लिए पति के प्रयासों पर गौर किया, जिसमें अपनी पत्नी को खुश करने के लिए अलग घर की व्यवस्था करना भी शामिल था. हालांकि, अदालत ने पाया कि अपने माता-पिता के साथ रहने के लिए उसका बार-बार जाना वैवाहिक एकता को बनाए रखने में अनिच्छा और पति को अपने बेटे के साथ साझा जीवन से वंचित करने का संकेत देता है.

ये भी पढ़ें : 1979 में फ्लैट के लिए किया था आवंटन, हाईकोर्ट ने पुराने रेट पर फ्लैट देने का दिया आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.