आखिर क्यों रेणु जोगी को हराने के बावजूद खुश नहीं थे जूदेव, जानिए 2009 की दिलचस्प कहानी - History of Bilaspur Lok Sabha seat

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 16, 2024, 5:02 AM IST

Updated : Apr 16, 2024, 3:09 PM IST

History of Bilaspur Lok Sabha seat

2009 के लोकसभा चुनाव में बिलासपुर सीट से कांग्रेस की रेणु जोगी को बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव ने हरा दिया था. इस जीत के बावजूद जूदेव खुश नहीं थे. जानिए जूदेव से जुड़ी ये दिलचस्प स्टोरी.

बिलासपुर सीट की सियासी कहानी

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर लोकसभा सीट का इतिहास काफी रोचक रहा है. इस सीट पर साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव की कहानी बड़ी दिलचस्प थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर दो दिग्गज नेता आमने-सामने थे. दोनों बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी थी. बीजेपी नेता जूदेव रेणु जोगी को चुनौती देने के लिए 400 किलोमीटर दूर से बिलापुर आए थे.

जीत के बावजूद खुश नहीं थे जूदेव: बिलासपुर लोकसभा सीट पर 2009 के चुनाव में भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव और कांग्रेस से प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी चुनाव लड़ीं थीं. इस सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी. इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वो दिलीप सिंह जूदेव को हरा नहीं पाईं. हालांकि इस चुनाव को जीतने के बाद भी दिलीप सिंह जूदेव खुश नहीं हुए. उन्होंने जीत के बाद कहा था कि, "चुनाव तो जीत गया, लेकिन हिंदुओ ने मुझे अपना पूरा वोट नहीं दिया." दरअसल, इस चुनाव में जूदेव मात्र 23 हजार वोट से जीते थे.

जूदेव ने दाव पर लगा दी थी अपनी मूंछ: साल 2009 का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प था, क्योंकि इस चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव ने अपनी मूंछ को दाव पर लगा दिया था. दरअसल दिलीप सिंह जूदेव जशपुर के रहने वाले थे. उनकी शुरू से ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से रही. अजीत जोगी की सरकार के दौरान उन्होंने अपनी मूंछ दाव पर लगाई थी और कहा था कि यदि उनकी सरकार फिर बन जाएगी तो वह अपनी मूंछ कटवा लेंगे. वे अपनी मूछों को अपनी शान समझते थे. उनके मूंछ रखने के तरीके से प्रभावित कई लोग वैसे ही मूंछ रखते थे. इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी को कांग्रेस ने टिकट दिया था. यही वजह है कि दिलीप सिंह जूदेव 400 किलोमीटर दूर जशपुर से बिलासपुर चुनाव लड़ने आए और जीत दर्ज की.

रोचक रहा 2009 का मुकाबला: चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव ने 23 हजार वोटो के अंतर से जीत दर्ज की. जीतने के बाद भी वो बात से नाखुश थे कि उनको सारे हिंदुओं का वोट नहीं मिला. जूदेव को उम्मीद थी कि वो बड़े अंतर से रेणु जोगी को मात देंगे. जीतने के बाद खुद जूदेव ने भी कहा था कि हिंदुत्व को मानने वाले लोगों ने भी उनको अपना वोट नहीं दिया.

दो बड़े नेताओं की लड़ाई पर थी पूरे देश की नजर: इस बारे में बीजेपी प्रवक्ता लखनलाल साहू ने कहा कि, "2009 का चुनाव बिलासपुर के इतिहास का यादगार चुनाव रहा है. इस चुनाव में प्रदेश के दो बड़े ऐसे नेताओं की साख दाव पर लगी थी, जिन्हें पूरा देश जानता था. दोनों ही नेता अपने-अपने क्षेत्र में माहिर राजनीतिज्ञ थे. एक तरफ कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी थीं. तो वहीं, दूसरी ओर भाजपा के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री और राज्यसभा सहित विभिन्न पदों पर रहे दिलीप सिंह जूदेव को पार्टी ने टिकट दिया था. दोनों ही नेता इस चुनाव को लड़ने के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगाकार मैदान में उतरे थे''.

भुलाए नहीं भूलता वो चुनाव: बिलासपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि, " साल 2009 का लोकसभा चुनाव आज भी चर्चा में रहता है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के बीच जिस तरह चुनाव लड़ा गया था, वह ऐतिहासिक चुनाव रहा. इसमें कांग्रेस भले ही हार गई, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत तगड़ा रहा. उस चुनाव में प्रदेश के दो बड़े नेता आपस में भिड़े थे. भले ही एक नेता की पत्नी थी, लेकिन दोनों ही नेता इसे अपना चुनाव मानकर लड़ रहे थे. कांग्रेस को हार का सामना तो करना पड़ा था, लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी को बता दिया था कि वह भी किसी से कम नहीं हैं. बिलासपुर की जनता हमेशा से ही भाजपा की ओर से ठगी गई है, लेकिन इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में भिलाई के विधायक को जीत दिलाकर सदन पहुंचाएगी और अपने हक की मांग करेगी."

बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तोखन साहू को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने देवेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया है. दोनों नेता दिग्गज हैं. ऐसे में इस बार भी इस सीट पर मुकाबला कांटे का देखने को मिल सकता है, क्योंकि बीजेपी के लगातार जीत के दावे के बीच कांग्रेस ने भी दिग्गज प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है.

बिलासपुर सीट से देवेंद्र यादव को कांग्रेस ने दिया टिकट, कार्यकर्ताओं ने जमकर मनाई खुशी - Lok Sabha Election 2024
बिलासपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़, क्या भाजपा के अभेद्य किले को भेद देंगे देवेन्द्र - Loksabha Election 2024
बिलासपुर लोकसभा सीट के बैटल में वोटिंग का क्या है पैटर्न, चुनावी आंकड़ों से समझिए - Bilaspur Lok Sabha
Last Updated :Apr 16, 2024, 3:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.