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हिमाचल के लिए चिंता की बात, पहली बार दस हजार करोड़ के पार पहुंचा राजकोषीय घाटा

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 17, 2024, 9:37 PM IST

Himachal Pradesh fiscal deficit
डिजाइन फोटो.

Himachal Pradesh Fiscal Deficit: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को कर्मचारियों के लिए चार प्रतिशत महंगाई भत्ते और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की योजना की घोषणा करते हुए 10,784 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे के साथ 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. हिमाचल सरकार के लिए चिंता का विषय राजकोषीय घाटा है. ये पहली बार दस हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है. पढ़ें पूरी खबर...

शिमला: कर्ज के दलदल में फंसे हिमाचल के लिए वित्तीय प्रबंधन निरंतर कठिन होता जा रहा है. पहाड़ी राज्य हिमाचल की आर्थिक स्थिति संभलती हुई नहीं दिख रही है. प्रदेश का राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट 10,784 करोड़ रुपए अनुमानित है. ये स्टेट जीडीपी का 4.75 फीसदी है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के बजट अकसर टैक्स फ्री रहते हैं, लेकिन कर्ज के मर्ज का तोड़ किसी सरकार के पास नजर नहीं आता.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. बजट का आकार 58,444 करोड़ रुपए है. ये पिछले बजट से 5031 करोड़ अधिक है. आंकड़ों के आईने में देखें तो बजट में आगामी वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में प्रदेश की रेवेन्यू रिसिप्ट्स यानी राजस्व प्राप्तियां 42,153 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. इसी प्रकार कुल राजस्व खर्च 46,667 करोड़ रुपए होगा. ऐसे में वर्ष के अंत में राजस्व घाटा 4,514 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. हिमाचल सरकार के लिए चिंता का विषय राजकोषीय घाटा है. ये पहली बार दस हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है.

विकास कार्यों के लिए हमेशा की तरह सरकार के पास धन की कमी रहेगी. बजट भाषण में सीएम ने बताया कि एक सौ रुपए में से 52 रुपए तो सीधे-सीधे वेतन, पेंशन, ब्याज आदि की अदायगी पर खर्च हो जाएंगे. फिर लिए गए लोन के भुगतान पर 9 रुपए, स्वायत्त संस्थानों की ग्रांट पर 10 रुपए खर्च होंगे. इस तरह विकास के लिए बचे मात्र 28 रुपए.

पिछले बजट में 9900 करोड़ था राजकोषीय घाटा

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च 2023 को अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था. उस बजट में राजकोषीय घाटा 9900 करोड़ रुपए था. पहले बजट का आकार 53413 करोड़ रुपए था. उस समय राजस्व प्राप्तियां 37,999 करोड़ रुपए थी. राजस्व खर्च 42,704 करोड़ रुपए के साथ ही राजस्व घाटा 4704 करोड़ रुपए था. पिछली बार राजकोषीय घाटा स्टेट जीडीपी का 4.61 फीसदी था. इस बार ये घाटा स्टेट जीडीपी का 4.75 प्रतिशत है.

फिलहाल, सुखविंदर सिंह सरकार को आने वाले समय में राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि हिमाचल को बीबीएमबी परियोजनाओं में रायल्टी के 4500 करोड़ सहित एनपीएस शेयर के 8000 करोड़ रुपए सहित केंद्र से कुल 22 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं. इसके लिए वे चाहते हैं कि भाजपा नेता सरकार का सहयोग करें. वे भाजपा नेताओं के साथ दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं. सीएम ने कहा कि हिमाचल के हितों के लिए वे किसी का भी सहयोग लेकर कुछ भी करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने भविष्य में कड़े फैसले लेने के संकेत भी दिए.

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