शिमला: हिमाचल में कांग्रेस ने दो लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. मंडी में बॉलीवुड क्वीन को किंग विक्रमादित्य सिंह टक्कर देंगे. वहीं, शिमला संसदीय सीट पर कांग्रेस ने विनोद सुल्तानपुरी के नाम पर मुहर लगाई गई है. दिल्ली में शनिवार को हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी में चर्चा के बाद दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को फाइनल किया गया. हालांकि सीईसी की मीटिंग में हमीरपुर और कांगड़ा सीट पर भी प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन इन दोनों सीटों हाई कमान और समय लेना चाहती हैं. ताकि भाजपा के मुकाबले में सशक्त उम्मीदवार को उतारा जा सके.
हमीरपुर सीट से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और कांगड़ा सीट से पूर्व मंत्री आशा कुमारी का नाम पैनल में सबसे ऊपर है. लेकिन दोनों सीटों पर अंतिम नतीजे तक पहुंचने के लिए कांग्रेस कुछ और वक्त लेना चाह रही है. फिलहाल दोनों ही सीटों कांगड़ा और हमीरपुर को लेकर पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे पर फैसला छोड़ दिया गया है.
मंडी में रौचक होगी दिल्ली जाने की जंग: भाजपा ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मंडी से चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में ग्लैमर का तड़का लगने से देश भर में मंडी हॉट सीटों में एक है. यहां घटने वाले सियासी घटनाक्रम पर पूरी देश की नजर टिकी है. जिससे भाजपा के लिए ये सीट अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गई. प्रदेश स्तर के सभी बड़े नेता मंडी में जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं. वहीं अब कांग्रेस ने भी मंडी से हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और प्रद्रेश कांग्रेस अध्यक्ष एवम वर्तमान सांसद प्रतिभा सिंह के सुपुत्र युवा नेता विक्रमादित्य सिंह पर दांव खेलकर मुकाबले को और रोचक बना दिया है.
मंडी लोकसभा सीट का इतिहास: मंडी लोकसभा सीट पर राज परिवार को लोगों का खूब समर्थन मिलता रहा है. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने चार लोकसभा चुनाव लड़े हैं. जिसमें जनता ने तीन बार 1971, 1980 व 2009 में आशीर्वाद देकर वीरभद्र सिंह को सांसद बनाया. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहली बार 2004 मंडी लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनी. इसके बाद वर्ष 2013 और 2021 में दो बार प्रतिभा सिंह दो उपचुनाव जीत कर सांसद रही.
विक्रमादित्य सिंह का सियासी सफर: हिमाचल प्रदेश के छह बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह के विक्रमादित्य सिंह बेटे हैं. विक्रमादित्य सिंह की मां वर्तमान में मंडी से सिटिंग सांसद और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. इस तरह से देखें तो विक्रमादित्य सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. विक्रमादित्य दूसरी बार हिमाचल विधानसभा की शिमला (ग्रामीण) सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में शिमला ग्रामीण सीट से कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी. वहीं, वर्तमान में विक्रमादित्य सिंह सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं.
भाजपा के वर्तमान सांसद को टक्कर देंगे सुल्तानपुरी: कांग्रेस ने शिमला सीट पर वर्तमान विधायक विनोद सुल्तानपुरी के नाम पर मुहर लगाई है. शिमला सीट कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रही है, लेकिन पिछले तीन चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ पर लगातार सेंध लगाने में सफल रही है. वर्ष 1962 से वर्ष 2019 के आंकड़े पर गौर करें तो इस दौरान कुल 15 लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें कांग्रेस सबसे अधिक 11 बाद चुनाव जीतने में कामयाब रही है. वहीं, 1977 में जनता पार्टी पहली बार कांग्रेस के हाथों से सीट छीनने में सफल रही थी. उसके बाद 2009 से लगातार भाजपा शिमला से चुनाव जीत रही है. वहीं, विनोद सुल्तानपुरी के लिए मजबूत पक्ष है कि उनके पिता कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी 1980 से 1998 तक लगातार छह बार सांसद रहे हैं.
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