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बरेली दंगे के मास्टरमाइंड तौकीर रजा को सरेंडर करने का निर्देश, हाई कोर्ट ने समन आदेश में हस्तक्षेप से किया इंकार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 7:13 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 7:30 AM IST

बरेली में हुए 2010 दंगा मामले में मौलाना तौकीर रजा की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं, बरेली की जिला अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई.

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प्रयागराज/बरेलीः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में बरेली दंगे में अभियुक्त के तौर पर जारी सम्मन के खिलाफ दाखिल मौलाना तौकीर रज़ा की याचिका पर सुनवाई के उनको ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर जमानत के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने तौकीर के खिलाफ़ जारी गैर ज़मानती वारंट में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.साथ ही अदालत ने तौकीर को जारी आदेश मे ट्रायल कोर्ट जज द्वारा निजी अनुभव के आधार पर टिप्पणी करने की निंदा की है और उनके आदेश के पेज 6के पैरा 8 को स्पंज कर दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिया. इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के चीफ है मौलाना तौकीर रजा पर बरेली में 2010 में हुए दंगे को भड़काने का आरोप है. बरेली की अदालत ने मौलाना तौकीर रजा को इस मामले में अभियुक्त मानते हुए सीआरपीसी की धारा 319 के तहत सम्मन जारी किया. सम्मन पर मौलाना के उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. अदालत में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ दो बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है. अदालत ने बरेली पुलिस को मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर पेश करने का भी आदेश दिया है. याचिका में सम्मन आदेश को चुनौती दी गई है. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई में मौलाना तौकीर रजा के वकीलों ने पक्ष रखा. कहा गया कि बिना किसी आवेदन के ट्रायल जज ने उनको गवाहों के बयान के आधार पर स्वताः संज्ञान लेकर तलब किया है जबकि उनके मामले में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि तौकीर 2010 में हुए बरेली दंगे का मास्टर माइंड हैं. उसके खिलाफ़ काफी साक्ष्य हैं।दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने तौकीर को 27 मार्च तक सरेंडर कर ज़मानत के लिए आवेदन करने के लिए कहा है.

बता दें कि बरेली के प्रेम नगर थाना क्षेत्र में मार्च 2010 में एक धार्मिक जुलूस के दौरान दंगा हुआ था, जिसकी सुनवाई बरेली की अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत में इन दिनों चल रही है. अदालत ने 5 मार्च को अदालत ने स्वत संज्ञान लेते हुए आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को 2010 देंगे का मास्टरमाइंड मानते हुए पहले समन जारी किया था. लेकिन पर जब भी वह अदालत में पेश नहीं हुआ तो 11 मार्च को मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ पहला गैर जमानती वारंट जारी हुआ. इसके बाद 13 मार्च को अदालत ने फिर से दूसरा गैर जमानती वारंट जारी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चंद्रभान को आदेश दिया था कि वह मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर 19 मार्च को अदालत में पेश करें. तब से बरेली पुलिस की टीम में लगातार मौलाना तौकीर रजा की तलाश कर रही है.

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह पटेल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट्रेक प्रथम की अदालत में दंगे की मामले की सुनवाई चल रही है. लेकिन आज सुनवाई नहीं हो सकी और 1 अप्रैल अगली सुनवाई के लिए लगाई गई है. दिगंबर सिंह पटेल ने बताया दंगे के अन्य आरोपी शाहरुख ने कोर्ट बदलने की अर्जी जिला जज की अदालत में लगाई थी, जिसकी सुनवाई के लिए दंगे की फाइल को जिला जज की अदालत भेज दिया गया है. जिसका फैसला 21 मार्च को आना है. वहीं, जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ तौकीर रजा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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Last Updated :Mar 20, 2024, 7:30 AM IST
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